हज यात्रियों की मदद के लिए सभी मुस्लिम कर्मचारियों को अवसर दिए जाने की मांग, याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

By भाषा | Published: April 5, 2023 03:09 PM2023-04-05T15:09:16+5:302023-04-05T15:11:50+5:30

अधिवक्ता आमिर जावेद ने एक याचिका दायर कर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के 20 मार्च के अस्थायी तैनाती संबंधी उस कार्यालय ज्ञापन को चुनौती दी गई है जिसमें सीएपीएफ में काम कर रहे कर्मचारियों को ही हज यात्रियों की मदद करने के लिए शामिल किया गया है।

Demand to give opportunity to all Muslim employees to help Haj pilgrims, Delhi High Court seeks response from Center | हज यात्रियों की मदद के लिए सभी मुस्लिम कर्मचारियों को अवसर दिए जाने की मांग, याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सभी मुस्लिम कर्मियों को हज यात्रियों की खिदमत की अनुमति देने संबंधी अपील पर केंद्र से जवाब तलब

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से उस अपील पर प्रतिक्रिया मांगी जिसमें हज यात्रियों की मदद करने के लिए, सिर्फ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कर्मचारियों को ही तैनात करने के बजाय, केंद्र, राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मुस्लिम कर्मचारियों को यह अवसर दिए जाने का अनुरोध किया गया है।

10 मई को होगी अब मामले की अगली सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्रीय मंत्रालय के हज प्रभाग से अपना पक्ष बताने को कहा तथा मामले की अगली सुनवाई 10 मई को नियत कर दी। अधिवक्ता आमिर जावेद की इस अपील में मंत्रालय के 20 मार्च के अस्थायी तैनाती संबंधी उस कार्यालय ज्ञापन को चुनौती दी गई है जिसमें सीएपीएफ में काम कर रहे कर्मचारियों को ही शामिल किया गया है।

याचिका में कार्यालय ज्ञापन में संशोधन किए जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र, राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मुस्लिम कर्मचारियों को हज 2023 के लिए समन्वयक (प्रशासन), सहायक हज अधिकारी एवं हज सहायकों के तौर पर हज यात्रियों की सहायता करने का अवसर दिया जाना चाहिए।

अपील में क्या दी गई है दलील?

अपील में कहा गया है कि ऐसा न होने की स्थिति में कार्यालय ज्ञापन संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन करता है।

इस कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, हज - 2023 में करीब 1.4 लाख भारतीय श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। भारत से श्रद्धालुओं को लेकर पहली उड़ान 21 मई को रवाना होगी। यह सालाना यात्रा जून के आखिर में हो सकती है।

इस अपील में कहा गया है ‘‘यह याचिका इस आधार पर दाखिल की गई है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य कर्मचारी 20 मार्च 2023 के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, हज यात्रियों की मदद के पात्र नहीं हैं जबकि पहले इस कार्य के लिए मुस्लिम समुदाय के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत पुरुष एवं महिला सदस्यों को अस्थायी आधार पर तैनाती के लिए सऊदी अरब के जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में भेजने की परंपरा रही है।’’

स्मृति ईरानी से नहीं मिला जवाब, इसके बाद डाली गई याचिका

इसमें यह भी कहा गया है कि कार्यालय ज्ञापन में खास तौर पर बताया गया है कि यह कार्य प्रशासनिक प्रकृति का है और इसीलिए ऐसा कोई कारण नहीं है कि केवल सीएपीएफ कर्मी ही पात्र हों और अन्य स्थायी कर्मी पात्र न हों। अपील के अनुसार, यह हज यात्रियों की खिदमत करने के अन्य कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि 22 मार्च को अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को एक पत्र भेज कर उनसे कार्यालय ज्ञापन में संशोधन करने का अनुरोध किया गया था। लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया जिसके बाद अदालत में याचिका दाखिल की गई। 

Web Title: Demand to give opportunity to all Muslim employees to help Haj pilgrims, Delhi High Court seeks response from Center

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