राजस्व विभाग की रिपोर्ट में दिल्ली में सर्किल रेट के अंदर उप श्रेणियां बनाने की मांग

By भाषा | Published: October 10, 2021 02:44 PM2021-10-10T14:44:52+5:302021-10-10T14:44:52+5:30

Demand to create sub-categories within the circle rate in Delhi in the report of the Revenue Department | राजस्व विभाग की रिपोर्ट में दिल्ली में सर्किल रेट के अंदर उप श्रेणियां बनाने की मांग

राजस्व विभाग की रिपोर्ट में दिल्ली में सर्किल रेट के अंदर उप श्रेणियां बनाने की मांग

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने मौजूदा बाजार दरों के अनुरुप शहर में संपत्तियों के सर्किल रेट को आठ मौजूदा श्रेणियों के अंदर उप श्रेणियों में विभाजित कर संशोधित करने के लिए एक रिपोर्ट तैयार की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग की एक समिति ने विभिन्न प्रकार की भू-संपत्तियों के सर्किल रेट का मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार की है, सरकार की मंजूरी के लिए भेजने से पहले इसकी जांच मंत्री स्तर पर की जाएगी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘नगर निगम के वर्गीकरण के अनुसार वर्तमान में सर्किल दरें आठ श्रेणियों के अनुसार तय की गई हैं। संपत्ति दरों के बेहतर अभिमूल्यन के लिए इसे प्रत्येक श्रेणी के अंदर 3-4 उप श्रेणियां बनाई जा सकती है। ’’

दिल्ली में सर्किल रेट पिछली बार 2014 में बढ़ाए गए थे। वर्तमान में क्षेत्र के आधार पर सर्किल दरों को नगर निगम के वर्गीकरण के अनुसार 'ए' से 'एच' तक आठ श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

वसंत विहार जैसे पॉश ‘ए’ श्रेणी के क्षेत्रों में सर्कल रेट 7.74 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर है जबकि नंद नगरी जैसे कम विकसित ‘एच’ श्रेणी के क्षेत्रों में 23,280 रुपये प्रति वर्ग मीटर है।

अधिकारियों ने बताया कि एक निश्चित श्रेणी के भीतर भी संपत्तियों की बाजार दर विकास के स्तर और वाणिज्यिक मूल्य के आधार पर व्यापक रूप से भिन्न पाई गई है। अधिकारी ने बताया, ‘‘इसलिए कम सर्किल रेट श्रेणी के भीतर भी किसी विशेष क्षेत्र में संपत्तियों का उच्च बाजार मूल्य हो सकता है जो उच्च सर्किल रेट श्रेणी के कम विकसित हिस्से से अधिक हो सकता है।’’

जमीन या किसी संपत्ति का सर्किल रेट उसकी वह दर है, जिसके नीचे उसकी बिक्री दर्ज नहीं की जा सकती है।

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Web Title: Demand to create sub-categories within the circle rate in Delhi in the report of the Revenue Department

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