तिहाड़ जेल अगर गुब्बारा होता तो अब तक फट चुका होता, क्षमता से इतने अधिक हैं कैदी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 27, 2022 07:53 PM2022-08-27T19:53:44+5:302022-08-27T19:58:52+5:30

दिल्ली के तिहाड़ जेल के अधिकारियों का मानना है कि अगर तिहाड़ जेल न होकर किसी गुब्बारे का नाम होता तो वह अब तक फट पड़ा होता।

Delhi's Tihar, Rohini and Mandoli jails have a total capacity of 10,026 inmates but this 19,500 prisoners are lodged | तिहाड़ जेल अगर गुब्बारा होता तो अब तक फट चुका होता, क्षमता से इतने अधिक हैं कैदी

फाइल फोटो

Highlightsदक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल का दर्जा रखने वाली तिहाड़ जेल की हालत बेहद खराब हैक्षमता से ज्यादा कैदियों के कारण इस हाई-प्रोफाइल जेल में कई तरह की समस्याएं पेश आ रही हैंइस समय तिहाड़ जेल में वास्तविक क्षमता से करीब ढाई गुने अधिक कैदी बंद हैं

दिल्ली: दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल का दर्जा रखने वाली तिहाड़ जेल की हालत बेहद खराब है। इस संबंध में जेल अधिकारियों का कहना है कि अगर तिहाड़ जेल किसी गुब्बारे का नाम होता तो वह अब तक फट पड़ा होता। दरअसल क्षमता से ज्यादा कैदी होने के कारण देश के सबसे हाई-प्रोफाइल जेल में अब कैदियों के साथ-साथ जेल प्रशासन को भी सामंजस्य बैठाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक इस समय तिहाड़ जेल अपनी वास्तविक क्षमता से करीब ढाई गुने से भी अधिक कैदियों को बंद किये हुए है। केंद्र सरकार ने तिहाड़ जेल से कैदियों के बोझ को कम करने के लिए साल 2004 में रोहिणी जेल और साल 2016 में मंडोली जेल का निर्माण किया था।

लेकिन तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों के बावजूद कैदियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि जेल प्रशासन को इन कैदियों पर निगरानी रखने में भारी अड़चन आ रही है। जेल महानिदेशक के कार्यालय से एक आरटीआई के जरिये मिली सूचना के मुताबिक तिहाड़, जिसे दुनिया के सबसे बड़े जेल परिसरों में से एक माना जाता है और जिसमें नौ केंद्रीय जेल शामिल हैं। जिनमें कुल 5,200 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में कुल कैदियों की संख्या 13,183 है, जो जेल प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

जानकारी के अनुसार मंडोली जेल की कुल क्षमता 1,050 कैदियों की है, लेकिन वर्तमान में वहां पर 2,037 कैदी रह रहे हैं। वहीं रोहिणी जेल की क्षमता 3,776 कैदियों को रखने की है, लेकिन वर्तमान में वहां पर 4,355 कैदी वहां बंद हैं।

इस संबंध में जेल प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन किसी तरह से इसे प्रबंधित कर रहे हैं। लेकिन भीड़भाड़ से कई समस्याएं होती हैं, मसलन कैदियों के बीच होने वाली छोटी-छोटी लड़ाईयां और उचित निगरानी बनाए रखने के बिना जेल पर नियंत्रण रखने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ता है।"

जेल अधिकारियों ने कहा कि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल परिसरों के कुल 16 केंद्रीय जेलों में उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में बंद कैदियों के लिए टीवी की सुविधा है। वहीं सामान्य बैरक में अन्य तरह की सुविधाएं मौजूद हैं।

तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली की 16 जेलों में कुल 10,026 कैदियों को रखे जाने की क्षमता है लेकिन इस 16 जेलों में इस समय कुल 19,500 कैदी बंद है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कैदियों की आमदगी में लगातार वृद्धि हुई है। जिसके कारण इन जेलों की निगरानी कर पाना बेहद मुश्किल हो रहा है।

मालूम हो कि दिल्ली के तिहाड़ जेल समेत अन्य दो जेलों में कई हाई-प्रोफाइल गैंगस्टर और अपराधी बंद हैं। जिनमें ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार, ठग सुकेश चंद्रशेखर, छोटा राजन और कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक शामिल हैं।

Web Title: Delhi's Tihar, Rohini and Mandoli jails have a total capacity of 10,026 inmates but this 19,500 prisoners are lodged

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