दिल्ली: चिड़ियाघर में प्लास्टिक खाने के चलते दुर्लभ जंगली भैंसे की मौत, केवल अफ्रीका में पाई जाती है ये प्रजाति
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2019 02:24 PM2019-09-05T14:24:49+5:302019-09-05T14:24:49+5:30
दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे एक मामले में चिड़ियाघर प्रशासन ने कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में माना है कि जून 2018 से 7 जून 2019 तक 245 जानवरों की मौत हो चुकी है। इनमें कई जानवर ऐसे हैं, जो कि विलुप्त होने की कगार पर हैं।
दिल्ली में स्थित चिड़ियाघर में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है। बेहद ही दुर्लभ अफ्रीकी जंगली भैंसे का निधन प्लास्टिक खाने के चलते हुआ है।
अफ्रीकी प्रजाति का वह इकलौता भैंसा था। 2017 में भी अफ्रीकी भैंसे की मौत हो गई थी।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीकी जंगली भैंसे का निधन 27 अगस्त को हुआ था और अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्लास्टिक के चलते मौत की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम के दौरान, उसके पेट में एक प्लास्टिक का पैकेट पाया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, चिड़ियाघर में आने वाले अधिकतर लोग प्लास्टिक बैग या थैलियां लेकर आते हैं और उन्हें अंदर ही छोड़ देते हैं। जबकि दिल्ली नो प्लास्टिक जोन में आता है।
चिड़ियाघर के क्यूरेटर आरए खान ने जानवर की मौत की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस कारण के बारे में "अस्पष्ट" थे क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट चिड़ियाघर निदेशक के पास थी।
चिड़ियाघर के कुछ अधिकारियों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि चिड़ियाघर में कोई जानवर प्लास्टिक खाने के बाद मर गया हो। 1990 के दशक की शुरुआत में एक कंगारू के प्लास्टिक का सेवन करने के बाद मरने का संदेह था।
इस वर्ष के अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे प्लास्टिक बैग का उपयोग करने से बचें और महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक एक बार प्लास्टिक का उपयोग करने की आदत से छुटकारा पाएं।
शिक्षक दिवस के मौके पर भी पीएम मोदी ने कहा, देश ने एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए जन आंदोलन शुरू किया है जिसमें शिक्षक सक्रिय भागीदारी करें, छात्रों को इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में समझाएं तथा उन्हें इसमें शामिल होने के लिये प्रेरित करें।