Delhi Violence News: लोकसभा में अमित शाह ने कहा- दिल्ली हिंसा में मंदिर व मस्जिद दोनों जले, राजनीतिक रंग देने का किया गया प्रयास
By भाषा | Published: March 11, 2020 07:22 PM2020-03-11T19:22:11+5:302020-03-11T19:28:52+5:30
अमित शाह ने कहा कि विपक्षी नेताओं के हेट स्पीच के बाद शाहीनबाग में धरने पर बैठे लोग।
दिल्ली हिंसा मामले में लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवाल पर नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह अपनी बात रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा में लिप्त किसी भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और कोई निर्दोष परेशान नहीं होगा।
चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, 'दिल्ली दंगा को राजनीतिक दंग देने का प्रयास हुआ है। जिन लोगों की जान गई है उनके लिए दिल से दुख व्यक्त करता हूं। जो मारे गए उनके परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त करना चाहता हूं। कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें आज की चर्चा में नहीं बोलना चाहता, लेकिन जिस तरह इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को रखने का प्रयास हुआ इसलिए इस पर स्पष्ट करना चाहूंगा।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं के हेट स्पीच के बाद शाहीनबाग में लोग धरने पर बैठे हैं। अमित शाह ने यह भी कहा कि 25 फरवरी को रात 11 बजे के बाद सांप्रदायिक हिंसा की कोई घटना नहीं घटी है। इसके साथ ही अमित शाह ने हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल के जवाब में कहा कि पुलिस ने हिंसा को पूरे दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है।
अमित शाह ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय दिल्ली के उनके कार्यक्रमों में नहीं गया, मैं दिल्ली पुलिस के साथ बैठक यह सुनिश्चित कर रहा था कि हिंसा पर नियंत्रण किया जाए। उन्होंने कहा कि कुल दिल्ली हिंसा मामले में 2647 लोग हिरासत में लिए गए अथवा गिरफ्तार किए गए हैं और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने दंगाईयों को भगाने के लिए पत्थरबाजी की थी। 5000 से ज्यादा टीयर गैस के सेल छोड़े गए। लाठीचार्ज किया गया। पुलिस ने घनी आबादी होने के बावजूद दंगे को दबा देना पुलिस की प्राथमिकता थी।
इसके अलावा उन्होंने ये महत्वपूर्ण बात कही है-
>> दंगा किसी को अच्छा नहीं लगता है। मगर एक सोची समझी साजिश के तहत यह हुए यह मेरा मानना है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। दिल्ली दंगे में मारे गए लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, इसका मैं आश्वासन देता हूं।
>> भारत के इतिहास में दंगों में मारे गए लोगों में 76 प्रतिशत कांग्रेस के राज में। 194 के दंगा के आरोपियों को हमने सजा दिलाई है।
>> अंकित शर्मा की शरीर पर 400 घाव किए गए, इस पर भी ओवैसी बोलते तो बेहतर होता।
>> दिल्ली दंगे में 52 भारतीयों की मौत हुई है। मंदिर और मस्जिद दोनों जले हैं। 526 भारतीय घायल हुए।