Delhi Violence: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा मोदी और केजरीवाल सरकार से जवाब
By रामदीप मिश्रा | Published: March 16, 2020 12:26 PM2020-03-16T12:26:27+5:302020-03-16T12:26:27+5:30
Delhi Violence: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी याचिका में हिंसा की वीडियो फुटेज के संरक्षण और पुलिस कर्मियों द्वारा कथित तौर पर कार्रवाई न करने को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
उत्तरपूर्वी दिल्ली में पिछले महीने हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर की याचिका पर सोमवार (16 मार्च) को सुनवाई की है। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। याचिका में हिंसा की वीडियो फुटेज के संरक्षण और पुलिस कर्मियों द्वारा कथित तौर पर कार्रवाई न करने को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है।
इधर, पिछले खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की कथित हत्या के मामले में आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन पुलिस हिरासत की हिरासत में हैं। ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विनोद कुमार गौतम ने हुसैन को रविवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा था।
दिल्ली पुलिस ने पांच मार्च को हुसैन को गिरफ्तार किया था। दरअसल, यहां एक अदालत ने शर्मा की हत्या के संबंध में हुसैन की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसके जरिए उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण करने का अनुरोध किया था। उसके बाद हुसैन को अदालत ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
वहीं, अंकित शर्मा की हुई हत्या के सिलसिले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपियों की पहचान चांदबाग निवासी फिरोज, जावेद और गुलफाम एवं मुस्तफाबाद निवासी अनस के रूप में की गई है। आरोपियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज और गवाहों एवं स्थानीय मुखबिरों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना से की गई।
इससे पहले इसी मामले में नंद नगरी निवासी सलमान नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दो और संदिग्धों के पोरट्रेट बनाए हैं और चार और लोगों की पहचान की है जो फिलहाल फरार हैं। उनको गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। शर्मा का शव उत्तरपूर्वी दिल्ली के चांदबाग इलाके में 27 फरवरी को उनके घर के निकट पाया गया था। एक दिन पहले ही वह लापता हो गए थे।