दिल्ली हिंसाः एक और शख्स की मौत, मरने वाले की संख्या बढ़कर 47, संसद में संग्राम जारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 2, 2020 02:36 PM2020-03-02T14:36:34+5:302020-03-02T15:13:06+5:30

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार और मुस्तफाबाद इलाके में हुई हिंसा में कम से कम 47 लोगों की मौत हुई है और करीब 200 लोग घायल हुए हैं।

Delhi violence Death toll in rises to 47 Uproar by opposition MP's in Rajya Sabha over | दिल्ली हिंसाः एक और शख्स की मौत, मरने वाले की संख्या बढ़कर 47, संसद में संग्राम जारी

उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में 92 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों ने सोमवार को अपनी बोर्ड परीक्षाएं दीं।

Highlightsसंसद में दिल्ली हिंसा को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है।हिंसा प्रभावित इलाकों में 92 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा दी : सीबीएसई

दिल्ली हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 47 हुआ हो गया है। इसमें 38 मौतें गुरु तेग बहादुर अस्पताल में, 3 लोक नायक अस्पताल में, 1 जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में और 5 लोगों की मौत राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई है।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार और मुस्तफाबाद इलाके में हुई हिंसा में कम से कम 47 लोगों की मौत हुई है और करीब 200 लोग घायल हुए हैं। हिंसा में संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। हिंसक भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और पेट्रोल पम्प में आग लगा दी थी और स्थानीय लोगों और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया था।

इस बीच संसद में दिल्ली हिंसा को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। विपक्ष देश के गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग कर रहा है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में 92 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों ने सोमवार को अपनी बोर्ड परीक्षाएं दीं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा कि 12वीं कक्षा के छात्रों का भौतिक विज्ञान का और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों का संगीत का पेपर था।

Death toll in #DelhiViolence rises to 47 (38 at Guru Teg Bahadur Hospital, 3 at Lok Nayak Hospital, 1 at Jag Parvesh Chander Hospital & 5 at Dr. Ram Manohar Lohia Hospital). pic.twitter.com/LBtWQ9FW3j

— ANI (@ANI) March 2, 2020

सीबीएसई ने रविवार को कहा था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित हिस्सों में बोर्ड परीक्षाओं को टालने से छात्रों के मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिला सुरक्षित करने के मौके बाधित होंगे। बहरहाल, सीबीएसई ने कहा कि वह उन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा लेने के लिए तैयार हैं जो हिंसा के कारण के तय कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा नहीं दे सके थे।

पुलिस ने बताया कि वह हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है। हालांकि, संकरी गलियों में खामोशी छाई हुई है जहां पर एक हफ्ते पहले तक रेहड़ी पटरी की दुकाने लगती थी और लोगों की भीड़ हुआ करती थी। हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में एक शिव विहार में सड़कें सूनी है और लगभग सभी घर बंद है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हालात शांत मगर तनावपूर्ण, बोर्ड परीक्षाओं में बैठे विद्यार्थी

उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों में विद्यार्थी सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बीच सोमवार को बोर्ड परीक्षाओं में बैठे। अधिकारियों का कहना है कि इलाके में हालात शांत तो हैं लेकिन तनाव भी बना हुआ है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के किसी भी इलाके से हिंसा की कोई सूचना नहीं है। जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार और मुस्तफाबाद में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती है। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 47 है।

हालांकि रविवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के नालों से चार और शव निकाले गए हैं। हिंसा प्रभावित इलाके में कई विद्यार्थियों ने बोर्ड का इम्तिहान दिया। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने रविवार को कहा था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित हिस्सों में बोर्ड परीक्षाओं को टालने से छात्रों के मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिला सुरक्षित करने के अवसर प्रभावित होंगे। बहरहाल, सीबीएसई ने कहा कि वह उन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा लेने को तैयार है जो हिंसा के कारण डेट शीट के मुताबिक इम्तिहान नहीं दे सके।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरतमंदों का ब्यौरा मुहैया कराएं ताकि सरकारी एजेंसियां तेजी से प्रतिक्रिया दे सकें। उन्होंने कहा, “ हम जरूरतमंद लोगों के लिए मदद सुनिश्चित करने के लिए 24/7 काम कर रहे हैं। अगर आप ऐसे किसी शख्स को जानते हैं कि जिसे सहायता की जरूरत है तो हम तक पहुंचने के लिए ‘हैशटैग दिल्ली रिलीफ’ का इस्तेमाल करें। कृपया सटीक पता/संपर्क विवरण दें ताकि हम उन तक पहुंच सकें। हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी एजेंसियां तेजी से प्रतिक्रिया दें।” 

पुलिस की मौजूदगी के बाद तनाव बना हुआ है

मुस्तफाबाद में लोग अपने घरों से बाहर निकलने में सतर्कता बरत रहे हैं। मोहम्मद यूनुस (45) ने कहा, ‘‘पुलिस की मौजूदगी के बाद तनाव बना हुआ है। हम लोग ईद, होली, दिवाली साथ मनाते थे। मैंने अपने जीवन में कभी ऐसे हालात का सामना नहीं किया है। जो हिंसा में शामिल थे वे इस इलाके से नहीं थे, वे बाहर से आए थे।’’

यूनुस की शिवविहार में कपड़ों की दुकान है। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान उन्हें उनके हिंदू पड़ोसियों ने बचाया और दंगाइयों से मेरी दुकान को बचाने के लिए उन्होंने बाहर बोर्ड पर लिखे दुकान के नाम को मिटा दिया। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार दंगा प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सर्वोत्तम पहल करेगी। ट्विटर के जरिये केजरीवाल ने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक राहत पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए वह व्यक्तिगत रूप से कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि लोग अपने घरों में लौट आएं और पड़ोसी उनका स्वागत करें। हिंसा के दौरान लापता हुए लोगों के परेशान रिश्तेदारों की जीटीबी अस्पताल के शव गृह के सामने कतारे लगी हुई हैं जहां पर दंगा पीड़ितों के शव रखे गए हैं। अपने 25 वर्षीय सबसे छोटे भाई सलमान की तस्वीर लिए हुए शवगृह पहुंची नबी जान उम्मीद कर रही है कि मृतकों में उनका भाई नहीं हो। नबी जान ने बताया कि सलमान मजदूरी करता है और 26 फरवरी को गोकलपुरी गया था। वह फोन रखता था लेकिन वह बंद आ रहा है और यह नहीं पता चल रहा कि उसके साथ क्या हुआ। उन्होंने बताया कि शव गृह में मौजूद शवों में उनके भाई का शव नहीं है।

मुस्तफाबाद से एक महिला का 19 वर्षीय बेटा लापता है

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद से एक महिला का 19 वर्षीय बेटा लापता है जब उसने शवगृह में शव देखा तो बेहोश होकर गिर गई। हालांकि, बाद में परिवार ने पुष्टि कि महिला के बेटे का शव नहीं है। सूत्रों ने बताया कि शनिवार तक शवगृह में मौजूद छह लाशों की पहचान नहीं हो सकी थी, बाद में दो की पहचान हुई और परिवार ने दावा किया। एक शव जली हुई हालत में है। वकील ममतेश शर्मा और पैरा लीगल स्वयंसेवी आशा मित्तल शहादरा जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण का सहायता केंद्र स्थापित किया है और वे परिवार के लापता सदस्यों की जानकारी लेने आने वाले लोगों की मदद करने और अस्पताल प्रशासन और पुलिस में समन्वय का काम कर रहा है।

शर्मा ने बताया, ‘‘अबतक 35 परिवारों ने हमसे संपर्क किया है। कुछ शवों की पहचान हो चुकी है बाकी को हमने बताया कि वे उन वार्ड में जाए जहां पर घायलों को भर्ती कराया गया है। हम पुलिस से भी समन्वय कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कोई लापता व्यक्ति पुलिस की हिरासत में तो नहीं है।’’ इस बीच, मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को पत्र लिखकर कानून के अनुरूप उन लोगों के नाम और पते बताने की मांग की है जिन्हें राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है।

इस पत्र पर नेशनल कैम्पेन फॉर पीपुल्स राइट टू इंफॉरमेशन की सह समन्वयक अंजलि भारद्वाज, अधिवक्ता प्रशांत भूषण, भाकपा नेता एन्नी राजा, अमृता जौहरी और अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं। दिल्ली पुलिस के कार्यवाहक आयुक्त एस एन श्रीवास्तव दिल्ली में हिंसा के दौरान घायल हुए डीसीपी अमित शर्मा से रविवार को मुलाकात कर सेहत की जानकारी ली।

अमूल्य पटनायक के शनिवार को सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे श्रीवास्तव ने पटपड़गंज में मैक्स अस्पताल पहुंचकर शर्मा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। शर्मा 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान घायल हो गए थे। एक पारिवारिक मित्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, “उनकी सेहत में सुधार है और उन्हें आज वार्ड में स्थानांतरित किये जाने की उम्मीद है। उनकी सर्जरी हुई है। अब वो खाना खा रहे हैं और गंभीर चोट से उबर रहे हैं।”

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