Delhi Violence: CAA के विरोध में जारी धरने पर बैठी अस्मतुल ने सपने में भी नहीं सोचा था, निर्दोष बेटा ऐसे हिंसा का शिकार होगा

By भाषा | Published: February 28, 2020 01:22 PM2020-02-28T13:22:32+5:302020-02-28T13:22:32+5:30

मोहम्मद फैजान (23) की मां अस्मतुल ने रोते हुए ‘भाषा’ को बताया, ‘‘पुलिस ने कर्दमपुरी की पुलिया पर चल रहे धरने पर कार्रवाई शुरू कर दी और फैजान को पकड़ लिया।

Delhi Violence: Asmatul sitting on a protest against CAA did not think her innocent son will be the victim of such violence | Delhi Violence: CAA के विरोध में जारी धरने पर बैठी अस्मतुल ने सपने में भी नहीं सोचा था, निर्दोष बेटा ऐसे हिंसा का शिकार होगा

दिल्ली हिंसा की तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsमोहम्मद फैजान (23) की मां अस्मतुल ने रोते हुए बताया, ‘‘पुलिस ने कर्दमपुरी की पुलिया पर चल रहे धरने पर कार्रवाई के दौरान फैजान को पकड़ लिया। मोहम्मद फैजान की मां का कहना है कि दिल्ली पुलिस सड़क पर लिटाकर जिन लोगों को पीटकर राष्ट्रगाण गाने बोल रही है, उनमें एक फैजान भी है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के कर्दमपुरी में अस्मतुल भी सीएए को लेकर जारी धरने पर बैठी थी। तेईस साल का जवान बेटा फैजान अपने काम पर गया हुआ था। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस दिन वह घर लौटेगी तो फैजान को खो चुकी होगी.... उसका आरोप है कि उसके बेकसूर बेटे को पुलिस ने मारा है।

उस दिन भी वह धरने पर बैठी थी। अचानक इलाके में हिंसा फैल गई और यह खबर अस्मतुल के घर पहुंची तो उसके बेटे फैजान को अपनी मां की चिंता हुई, वह उसी समय काम से घर लौटा था। वह मां को बचाने आया लेकिन उन्हें बचाते-बचाते वह खुद हिंसक के भंवर में फंस गया। मोहम्मद फैजान (23) की मां अस्मतुल ने रोते हुए ‘भाषा’ को बताया, ‘‘पुलिस ने कर्दमपुरी की पुलिया पर चल रहे धरने पर कार्रवाई शुरू कर दी और फैजान को पकड़ लिया।
 

पुलिस ने उसे बहुत पीटा और इलाज भी नहीं कराया।’’ फैजान के परिवार का यह भी दावा है कि सोशल मीडिया पर वायरल जिस वीडियो में पुलिस पांच लड़कों को कथित रूप से सड़क पर लिटा कर पीट रही है और ‘जन गण मन’ गवा रही है, उसमें एक फैजान भी है। अस्तमुल के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह रोती जाती हैं और बताती जाती हैं, ‘‘मैं सोमवार को धरने पर बैठी हुई थी, मेरा बेटा घर में था। उसे पता चला कि बाहर झगड़ा हो गया है।

वह मुझे लेने के लिए कर्दमपुरी पुलिया पर गया था। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर आंसू गैस के गोले छोड़ दिए और वहां धुंआ छा गया और वह सड़क की तरफ चला गया, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पुलिस ने फैजान को बहुत पीटा। उसका चार और लड़कों के साथ सड़क पर पड़े वीडियो वायरल है, जिसमें पुलिस पांच लड़कों को पीट रही है और राष्ट्रगान गवा रही है।’’

कर्दमपुरी पुलिया पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ महिलाओं का एक महीने से ज्यादा समय से शांतिपूर्ण धरना चल रहा था। अस्मतुल बताती हैं, इसके बाद पुलिस उनके बेटे को पकड़ कर ज्योति नगर थाने ले गई और वहां भी उसे पीटा और इलाज नहीं कराया। वह बताती हैं, ‘‘मैं उसकी तलाश में जीटीबी अस्पताल गई और हर कमरे में अपने बेटे को ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिला, इसके बाद मैं थाने गई और उसकी फोटो दिखाकर पूछा तो पुलिसकर्मी ने बताया कि वह यहीं है। मैंने कहा, उससे मिलवा दो। लेकिन पुलिस ने न तो मिलवाया और न ही दिखाया। मैं रात एक बजे तक थाने में बैठी रही।

मैं बुधवार सुबह फिर थाने गई जहां पुलिस वाले कहने लगे कि इसे भी बंद करो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं पार्षद के पास गई और उन्होंने थानेदार से बात की जिसके बाद शाम में मेरे बेटे को छोड़ा गया। मंगलवार रात पुलिस ने मेरे बेटे को छोड़ा। उसकी हालात काफी खराब थी।’’ फैजान के पड़ोसी इमरान भारती ने बताया कि पुलिस के छोड़ने के बाद फैजान को घर ले आए तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। सड़क पर दंगे भड़के होने के कारण उसे अस्पताल नहीं ले जा पा रहे थे तो बड़ी मुश्किल से किसी तरह लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल ले जा पाए, जहां उसकी तबीयत और बिगड़ गई और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

अभी घरवालों को फैजान की लाश भी नहीं मिली है और अस्मतुल रो रोकर बेहाल हो रही हैं। इसके अलावा, धरना स्थल पर 32 साल के मोहम्मद फुरकान की भी मौत हो गई । इस मामले में भी परिजन दावा कर रहे हैं कि फुरकान पुलिस की गोलीबारी का शिकार हुआ। फुरकान के भाई इमरान ने बताया, ‘‘24 फरवरी को शाम करीब साढ़े पांच बजे मुझे कॉल आई कि मेरे भाई को गोली मार दी गई , लेकिन मुझे इस पर यकीन नहीं हुआ क्योंकि मैं एक घंटा पहले उससे घर पर मिलकर गया था।’’

वह बताते हैं, ‘‘मैंने उसे कॉल की पर उसने फोन नहीं उठाया तो मुझे शक हुआ। इसके बाद कुछ लोगों का मेरे पास फिर कॉल आया कि मेरे भाई को ऑटो में डालकर अस्पताल लेकर गए हैं। मैं जीटीबी अस्पताल भागा जहां आपातकाल वार्ड में मैंने अपने भाई को तलाश किया। मुझे वहां फुरकान नहीं उसकी लाश मिली।’’ इमरान ने बताया कि 32 साल के फुरकान शादीशुदा थे और उनके दो बच्चे है। चार साल की एक लड़की है और दो साल का बेटा है। उनकी शादी 2014 में हुई थी। उन्होंने बताया, ‘‘कर्दमपुरी में महिलाओं के प्रदर्शन स्थल पर सामने की तरफ से पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों ने हमारे टैंट पर आंसू गैस के गोले छोड़े और गोलियां चलाईं।

इसी गोलीबारी में मेरे भाई फुरकान के पैर में गोली लग गई। उनके अलावा तीन-चार लोगों को गोली लगी थी। बाकी लोग बच गए लेकिन मेरे भाई की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई में कई महिलाएं भी जख्मी हुई हैं।’’ इमरान ने कहा कि हम कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। कर्दमपुरी के आम आदमी पार्टी के पार्षद साजिद खान ने ‘भाषा’ से कहा कि उनके पास आई सूचना के मुताबिक इलाके में तीन लोगों की मौत हुई है और कई घायल हैं। अभी घायलों की सटीक संख्या की जानकारी नहीं है और घायलों में एक शख्स के सिर में गोली लगी है। वह लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका ऑपरेशन होना है। 

English summary :
Delhi Violence: Asmatul sitting on a protest against CAA did not think her innocent son will be the victim of such violence


Web Title: Delhi Violence: Asmatul sitting on a protest against CAA did not think her innocent son will be the victim of such violence

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