दिल्ली हिंसाः 42 की मौत, 630 लोग गिरफ्तार, 123 पर FIR, कांग्रेस के पूर्व निगम पार्षद को झटका, जमानत खारिज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 28, 2020 06:39 PM2020-02-28T18:39:44+5:302020-02-28T18:54:31+5:30

दिल्ली की एक अदालत ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।

Delhi Violence: 123 FIRs Lodged, 630 Arrested dead 42 Former corporator of Congress shocked, bail rejected | दिल्ली हिंसाः 42 की मौत, 630 लोग गिरफ्तार, 123 पर FIR, कांग्रेस के पूर्व निगम पार्षद को झटका, जमानत खारिज

अब तक 42 लोगों की मौत हो गई है। 200 से ज्यादा लोग घायल है।

Highlightsअतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन गुप्ता ने बुधवार को गिरफ्तार की गईं जहां की जमानत याचिका खारिज कर दी। दिल्ली के खुरेजी खास में 13 जनवरी से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। 

दिल्ली पुलिस की तरफ से पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया कि अबतक 123 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। वहीं 630 लोगों को हिरासत में लिया गया है या गिरफ्तार किया गया है। अब तक 42 लोगों की मौत हो गई है। 200 से ज्यादा लोग घायल है।

दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर कुल 123 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं तथा 630 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला दलों को बुलाया गया है और अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना किया जा रहा है।

दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में मृतक संख्या बढ़कर 42 हो गयी है। सांप्रदायिक संघर्षों में 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनके कारण मुख्य रूप से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनमें जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा शामिल हैं।

दिल्ली की एक अदालत ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन गुप्ता ने बुधवार को गिरफ्तार की गईं जहां की जमानत याचिका खारिज कर दी। जहां दिल्ली के खुरेजी खास में 13 जनवरी से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। 

विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा, नफरत भरे बयान देने वालों पर कार्रवाई की मांग की

कई गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि वह हिंसा प्रभावित उत्तर-पूर्वी दिल्ली में शांति बहाली और भड़काऊ बयान देने वालों पर कार्रवाई के लिए सरकार को निर्देश दें। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, माकपा, भाकपा, राजद, द्रमुक और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी के हालात पर चर्चा के लिए कोविंद से मिलने का समय मांगा है।

पत्र में विपक्षी नेताओं ने कहा, ‘‘दिल्ली के उप राज्यपाल जैसे संबंधित प्राधिकारों एवं प्रशासन के लोगों को निर्देश दिया जाए कि जल्द शांति बहाली सुनिश्चित हो और भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जाए।’’ इस पत्र पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, द्रमुक नेता टी आर बालू, भाकपा के डी राजा, राजद के मनोज झा और आप के संजय सिंह के हस्ताक्षर हैं।

इससे पहले कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में पार्टी के शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं। गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़की हिंसा में 39 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

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