Delhi University Student Union Election 2023 Results: एबीवीपी परचम, विजेताओं का परिचय, जानें कौन हैं सभी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 24, 2023 07:39 PM2023-09-24T19:39:53+5:302023-09-24T19:40:46+5:30
Delhi University Student Union Election 2023 Results: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की चार सीट में से अध्यक्ष सहित तीन सीट पर जीत दर्ज की, जबकि एक सीट कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई के खाते में गई।
Delhi University Student Union Election 2023 Results: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की चार सीट में से तीन पर 27 चरण की गिनती के बाद जीत दर्ज की।
तुषार डेढ़ाः एबीवीपी के तुषार डेढ़ा डूसू के अध्यक्ष चुने गए जिन्होंने ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) के हितेश गुलिया को 3,115 मतों से हराया। डेढ़ा ने सत्यवती कॉलेज से स्नातक किया है और बौद्ध अध्ययन में परास्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।
वह 2015 में एबीवीपी में शामिल हुए थे। उन्होंने 2016 में सत्यवती कॉलेज में कॉलेज सांस्कृतिक समन्वयक के चुनाव में भी जीत दर्ज की थी। डेढ़ा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी थे। डेढ़ा को 23,460 मत मिले जबकि गुलिया के खाते में 20,345 मत आए।
अभी दहियाः कांग्रेस की छात्र इकाई ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) के अभी दहिया ने डूसू के उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। वह इस समय बौद्ध अध्ययन में परास्नातक कर रहे हैं। दहिया को 22,331 मत मिले और उन्होंने एबीवीपी के सुशांत धनखड़ को 1,829 मतों से हराया।
अपराजिता और सचिन बैसलाः एबीवीपी की अपराजिता और सचिन बैसला क्रमश: सचिव और संयुक्त सचिव निर्वाचित हुए हैं। अपराजिता ने एनएसयूआई की यक्षना शर्मा को 12,937 मतों से मात दी जबकि बैसला ने कांग्रेस की छात्र इकाई के प्रत्याशी शुभम कुमार चौधरी को 9,995 मतों से हराया।
अपराजिता उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली हैं और उन्होंने दयाल सिंह कॉलेज से बीए (ऑनर्स) इतिहास किया है। वह वर्तमान में बौद्ध अध्ययन में मास्टर की डिग्री की पढ़ाई कर रही हैं। संयुक्त सचिव पद के लिए निर्वाचित सचिन बैसला ने रामानुजन कॉलेज से स्नातक की है। वह भी बौद्ध अध्ययन में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि एबीवीपी के तुषार डेढ़ा डूसू के अध्यक्ष चुने गए, जिन्होंने ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) के हितेश गुलिया को 3,115 मतों से हराया। डेढ़ा को 23,460 मत मिले, जबकि गुलिया के खाते में 20,345 वोट पड़े। कांग्रेस की छात्र इकाई के अभी दहिया ने डूसू के उपाध्यक्ष पद के चुनाव में जीत दर्ज की।
दहिया को 22,331 मत मिले। उन्होंने एबीवीपी के सुशांत धनखड़ को 1,829 मतों से हराया। एबीवीपी की अपराजिता और सचिन बैसला क्रमश: सचिव और संयुक्त सचिव निर्वाचित हुए हैं। अपराजिता ने एनएसयूआई की यक्षना शर्मा को 12,937 मतों से मात दी, जबकि बैसला ने कांग्रेस की छात्र इकाई के प्रत्याशी शुभम कुमार चौधरी को 9,995 मतों से हराया।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष,सचिव और संयुक्त सचिव पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ था और शनिवार शाम को मतों की गिनती पूरी हुई। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने एबीवीपी के विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी। मंत्री ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘डूसू चुनाव में एबीवीपी को भारी जीत।
राहुल गांधी ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में प्रचार किया, जिससे एबीवीपी को अपना मत प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिली। एबीवीपी के सभी विजयी उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं और सभी शुभचिंतकों को बधाई!’’ भाजपा सांसद और पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘डूसू चुनाव जीतने पर एबीवीपी को बधाई। देश के हमारे छात्र और युवा जो वैचारिक रुख अपना रहे हैं, उसका यह स्पष्ट संकेत है। वंदे मातरम।’’ एनएसयूआई ने डूसू के उपाध्यक्ष पद के चुनाव में जीत के लिए अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को धन्यवाद दिया।
डूसू चुनावों में हमेशा एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली है। इससे पहले, डूसू चुनाव 2019 में हुए थे। कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में चुनाव नहीं कराए जा सके थे, जबकि शैक्षणिक कैलेंडर में संभावित व्यवधान के कारण 2022 में भी चुनाव नहीं हुआ था।
इस साल डूसू के चार पदों के लिए कुल 24 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे। चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि इस चुनाव में 42 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव में करीब एक लाख छात्र मतदान करने के लिए पात्र थे। इससे पहले, 2019 में हुए डूसू चुनाव में मतदान प्रतिशत 39.90 फीसदी रहा था, जबकि 2018 और 2017 में मतदान प्रतिशत क्रमश: 44.46 और 42.8 फीसदी रहा था। केंद्रीय पैनल के लिए 52 कॉलेज और विभागों में चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराए गए, जबकि कॉलेज संघ चुनावों के लिए मतदान कागजी मतपत्र पर हुआ।
फीस वृद्धि, किफायती आवास का अभाव, कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान सुरक्षा और मासिक धर्म अवकाश चुनाव में छात्रों के लिए मुख्य मुद्दे रहे। एबीवीपी, एनएसयूआई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समर्थित ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) से संबद्ध ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) ने सभी चार पदों के लिए उम्मीदवार उतारे थे।
एबीवीपी ने 2019 के डूसू चुनाव में चार पदों में से तीन पर जीत दर्ज की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकतर कॉलेज और संकायों के लिए डूसू मुख्य प्रतिनिधि निकाय है। हर कॉलेज का अपना अलग छात्र संघ भी है, जिसके लिए प्रति वर्ष चुनाव होता है।