कोरोना वायरस के मामले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी को कोविड-19 का पॉजिटिव पाया गया है, जिसके बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। संक्रमित मरीज को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया है। साथ ही साथ संक्रमित मरीज के परिजनों को क्वारंटाइन में रखने को कहा गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक (ASI) को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। पिछले हफ्ते उस समय उनकी जांच की गई थी जब उन्होंने बुखार की शिकायत की थी और 7 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट आई हैं। उन्हें एम्स में स्थानांतरित कर दिया गया, उनके परिवार को घर में क्वारंटाइन करने के लिए कहा गया है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी जिस कॉलोनी में रहता है वहां सख्ती से लॉकडाउन का पालन हो रहा है। पुलिस जांच कर रही है कि वह कैसे COVID-19 से संक्रमित हुआ है। इसका पूरा पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
आपको बता दें, दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 25 नए मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 550 हो गई, जबकि दो लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की तादाद नौ तक पहुंच गई। इनमें से 331 मामले पिछले महीने यहां निजामुद्दीन इलाके में हुई तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम से संबंधित हैं। 20 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि यदि शहर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते रहे और अस्पतालों में इलाज कराने वाले संक्रमितों की संख्या 30000 तक हो गई तो दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीके से निजी अस्पतालों एवं होटलों के 12000 कमरे अपने अधीन ले लेगी। सरकार ने तीन निजी अस्पतालों-- मैक्स साकेत (318), अपोलो (50) और गंगाराम अस्पताल (42) में 400 बिस्तर अलग तय किए हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (1500), जी बी पंत अस्पताल (500) और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (450) को विशेष कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया है। फिलहाल, इस समय 2,950 बेड कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित हैं। यदि कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले 3000 को पार कर गए तो हम जीटीबी अस्पताल में 1500 बिस्तरों का उपयोग करेंगे और इसके बाद हमारे पास 4500 मामलों के लिए व्यवस्था होगी।