दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खिलाफ आरोप तय करने का आग्रह किया, अगली सुनवाई 20 जनवरी को
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 6, 2024 06:31 PM2024-01-06T18:31:18+5:302024-01-06T18:32:23+5:30
पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत के समक्ष तर्क दिया कि सिंह द्वारा कथित तौर पर विदेशों और दिल्ली सहित भारत के अंदर की गई यौन उत्पीड़न की घटनाएं उसी अपराध का हिस्सा हैं। पुलिस ने न्यायाधीश से कहा, ‘इस मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार दिल्ली की अदालत को है।’
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत से महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आग्रह किया। पुलिस ने आरोपी की इस दलील का विरोध किया कि चूंकि कुछ कथित घटनाएं विदेशों में हुईं, इसलिए वे दिल्ली की अदालतों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आतीं।
पुलिस ने इसी के साथ सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर बहस पूरी कर ली। पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत के समक्ष तर्क दिया कि सिंह द्वारा कथित तौर पर विदेशों और दिल्ली सहित भारत के अंदर की गई यौन उत्पीड़न की घटनाएं उसी अपराध का हिस्सा हैं। पुलिस ने न्यायाधीश से कहा, ‘इस मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार दिल्ली की अदालत को है।’
अदालत अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को करेगी। दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद सिंह के खिलाफ मामले में 15 जून, 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 354-डी (पीछा करना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी)के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
इससे पहले 4 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में एक स्थानीय अदालत में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए नए सिरे से बहस शुरू की थी। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यह मामला महिला पहलवानों ने दर्ज कराया है। पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत के समक्ष दलीलें दीं। उन्होंने हाल में मामले की सुनवाई शुरू की थी क्योंकि जो न्यायाधीश पहले सुनवाई कर रह थे उनका तबादला हो गया था। बहस के दौरान, पुलिस ने अदालत को बताया कि सिंह और सह-आरोपी डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त "प्रथम दृष्टया" सबूत हैं।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद सिंह के खिलाफ मामले में 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। पुलिस ने मामले में तोमर को भी आरोपित किया है।