तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच शनिवार को हुई झड़प के बाद मंगलवार को हजारों दिल्ली पुलिसकर्मियों के पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करने की आलोचना करते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि पुलिस द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया का बयान, 'हमने दिल्ली पुलिस द्वारा अनियंत्रित भीड़, विरोध प्रदर्शन और गंदी नारेबाजी की मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं। ये स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे काला दिन है। ये निश्चित तौर पर एक राजनीति से प्रेरित कदम लगता है और ये बहुत दुख की बात है।'
एक हफ्ते में हो दोषी पुलिसवालों की गिरफ्तारी: बीसीआई
बार काउंसिल ऑफ इंडिया का बयान: 'हमारी मांग है कि दोषी पुलिस अधिकारियों को एक हफ्ते के अंदर गिरफ्तार किया जाए, जिसमें असफल होने पर इन लोगों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए हम शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करेंगे। बार काउंसिल एकजुट है।'
वकीलों की हड़ताल तीसरे दिन भी रही जारी
इस घटना के विरोध में वकीलों की हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रही और उन्होंने रोहिणी, साकेत, पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस वालों की कार्रवाई की मांग की।
वकीलों ने कहा, 'हमारी लड़ाई केवल उन पुलिसवालों के खिलाफ है, जिन्होंने उस दिन हम पर गोलियां चलाई थीं और हमारे ऊपर लाठीचार्ज किया था। हम उनकी गिरफ्तारी तक प्रदर्शन जारी रखेंगे।'
आईआरएस संघ ने की दोषियों को सख्त सजा की मांग
वहीं अपने आईपीएस साथियों के प्रति समर्थन जताते हुए भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी संघ ने कहा कि इस विवाद में दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए। आईआरएस अधिकारियों के अखिल संघ ने ये मांग उठाई है।
आईआरएस ने अपने बयान में कहा, 'दिल्ली में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हालिया घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और सभ्य आचरण के सभी मानकों के खिलाफ है।’’
इस प्रस्ताव में कहा गया है 'किसी के भी द्वारा या किसी भी रूप में हिंसा निंदनीय है। हम हमारे आईपीएस भाइयों के साथ एकजुटता अभिव्यक्त करते हैं। दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।'
तीस हजारी कोर्ट में पुलिस-वकीलों की झड़प से शुरू हुआ विवाद
पुलिस और वकीलों के बीच इस विवाद की शुरुआत शनिवार को तीस हजारी कोर्ट के बाहर पार्किंग को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद हुई झड़प से हुई थी, जिसमें कम से कम 20 पुलिसकर्मी और वकील घायल हो गए थे। इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने एकदूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी और वकीलों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था।
इस घटना के बाद दोनों के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को साकेत कोर्ट के बाहर भी एक पुलिसकर्मी की कथित पिटाई की घटना हुई थी। इन घटनाओं के विरोध में मंगलवार को हजारों पुलिसकर्मी सड़क पर उतर आए थे और उन्होंने घटना के जिम्मेदार वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
(PTI इनपुट्स के साथ)