नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोसध कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर को लेकर पिछले 101 दिनों से जारी धरना खत्म हो गया है। दिल्ली पुलिस ने धरने से सभी महिलाओं को हटा दिया है और रास्ता साफ करवा दिया है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता कपिल मिश्रा ने कहा है कि दिल्ली को आज आजादी मिल गई है।
कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, 'सब तख्त उछाल कर फेंक दिए, सब टेंट उखाड़ कर फेंक दिए, हमने देख लिया, सबने देख लिया, दिल्ली को मिल गई आजादी, शाहीन बाग का फ्रॉड खत्म।' बता दें, सीएए के विरोध में महिलाओं ने दिसंबर के मध्य से ही दक्षिणपूर्वी दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क का एक साइड अवरूद्ध कर रखा था।
शाहीन बाग के धरनास्थल को साफ करवाने के समय भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया, जिसके बाद वहां से प्रदर्शनकारियों को हटाया गया। इसके अलावा वहां लगाए गए टेंट को उखाड़कर फेंक दिया गया। साथ ही साथ तख्तों को भी हटा दिया गया है। अब रास्ता साफ हो गया है। वहीं, जाफराबाद में भी पुलिस बल की तैनाती की गई है। लॉकडाउन के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है।
दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 50 से अधिक लोगों वाले समारोहों की अनुमति नहीं है, जिसकी संख्या घटाकर अब 20 कर दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, 'यह शाहीन बाग पर भी लागू होता है।'
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सोमवार (23 मार्च) से राजधानी को लॉकडाउन कर दिया है। यहां स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण के छह मामले सामने आने के बाद कड़े कदम उठाए गए हैं।
CAA के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले शाहीन बाग के धरने को 101 दिन हो गए थे। धरने में महिलाएं और बच्चे शामिल थे। यहां संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर से धरना जारी था।