Delhi LG power nominate aldermen in MCD: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में ‘एल्डरमैन’ को लेकर उपराज्यपाल, आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में ठन गई है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से खुश नहीं है। आप ने कहा कि एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने के उपराज्यपाल के अधिकार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से सम्मानपूर्वक असहमति जताते हैं, यह भारत के लोकतंत्र के लिए बड़ा झटका है। फैसले की प्रति पढ़ने के बाद भविष्य के कदम पर फैसला लेंगे। ‘एल्डरमैन’ को नामित करने के संबंध में शीर्ष अदालत के फैसले पर कहा है।
‘आप’ ने एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने के उपराज्यपाल के अधिकार को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला सही नजीर पेश नहीं करता है, उपराज्यपाल को निर्वाचित सरकार की अनदेखी करने का अधिकार देता है।
उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को बड़ा झटका देते हुए सोमवार को कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल के पास एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली सरकार की यह दलील खारिज कर दी कि उपराज्यपाल दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में ‘एल्डरमैन’ नामित करने के संबंध में मंत्री परिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य हैं।
उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर करीब 15 महीने तक फैसला सुरक्षित रखा। पिछले साल 17 मई को शीर्ष अदालत ने कहा था कि उपराज्यपाल को एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार देने का मतलब होगा कि वह निर्वाचित नगर निकाय को अस्थिर कर सकते हैं।
एमसीडी में 250 निर्वाचित और 10 नामित सदस्य हैं। दिसंबर 2022 में ‘आप’ ने नगर निगम चुनाव में 134 वार्ड में जीत के साथ एमसीडी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया था। भाजपा ने 104 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस नौ सीट के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।