ब्रेकिंग न्यूज: जेसिका लाल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा को उप राज्यपाल ने किया रिहा
By निखिल वर्मा | Published: June 2, 2020 03:16 PM2020-06-02T15:16:17+5:302020-06-02T20:42:57+5:30
जेसिका लाल हत्याकांड में दोषी करार दिए गए मनु शर्मा ने छह बार समय से पूर्व रिहाई का अनुरोध किया था।
दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने जेसिका लाल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा के रिहाई के आदेश दिए हैं। दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड ने जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिसंबर, 2006 में जेसिका लाल हत्याकांड में दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनायी थी। हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया था। वहीं आलोक खन्ना, विकास गिल, हरविंदर सिंह चोपड़ा, राजा चोपड़ा, श्याम सुंदर शर्मा और योगराज सिंह को बरी कर दिया। सह अभियुक्त अमरदीप सिंह गिल और विकास यादव को चार-चार साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल 2010 में उसकी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था।
तीस अप्रैल, 1999 को दक्षिण दिल्ली के महरौली में कुतुब कोलोनेड में बीना रमानी के तामरिंड कोर्ट रेस्तरां में जब जेसिका लाल ने मनु शर्मा को शराब परोसने से मना कर दिया था तो उसने उसे गोली मार दी थी। इस घटना में जेसिका की मौत हो गयी थी।
Lieutenant Governor of Delhi allows the release of Manu Sharma (in file pic) after Sentence Review Board recommendation. He was convicted in 1999 Jessica Lal murder case. pic.twitter.com/y0tXThTqiF
— ANI (@ANI) June 2, 2020
मनु शर्मा के वकील अमित साहनी ने कहा, '' मनु शर्मा अप्रैल के पहले सप्ताह से ही पेरोल पर था। उसे सोमवार को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया।'' साहनी ने कहा कि जेल में रहने की अवधि के दौरान शर्मा का आचरण अच्छा रहा और दावा किया कि वह समय से पूर्व जेल से रिहा किए जाने योग्य था।
इस बीच, महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली कार्यकर्ताओं ने शर्मा की रिहाई के फैसले को ''दुर्भाग्यपूर्ण'' और ''गलत मिसाल'' करार दिया। राजनीतिज्ञ वृंदा करात ने कहा कि शर्मा को समय से पहले रिहा किए जाने का कोई आधार नहीं है और इस बात को लेकर आश्चर्य है कि दिल्ली सरकार की अध्यक्षता वाला बोर्ड इस तरह की सिफारिश का निर्णय लेकर सामने आया है।
उन्होंने कहा, '' किस आधार पर डीएसआरबी ने एक अपराधी को तीन साल पहले ही रिहा किए जाने की सिफारिश की? .... जो कि एक युवती की हत्या का दोषी है। इसने एक गलत मिसाल कायम की है।'' महिला अधिकार कार्यकर्ता शमीना शफीक ने कहा कि शर्मा को रिहा किए जाने का फैसला ''चौंकाने वाला'' और ''तर्कहीन'' है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य शफीक ने कहा, '' देश पहले ही महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने की चिंताओं से घिरा हुआ है। सरकार को असल में अपराधियों पर इस तरह नरमी दिखाने के बजाय सख्त सजा दिए जाने के बारे में सोचना चाहिए ताकि समाज में एक मजबूत संदेश जा सके, खासकर ऐसे गंभीर अपराध के मामलों में। यह असल में सोचने को मजबूर करता है कि क्या वाकई में सरकार बेटी बचाओ को लेकर गंभीर है अथवा यह सिर्फ एक नारा है।'' भाषा शफीक मनीषा मनीषा
2015 में मनु शर्मा ने की थी शादी
साल 2015 में मनु शर्मा ने तिहाड़ जेल से पैरोल पर निकलने के बाद पूर्व परिचित लड़की से शादी की थी। दोनों एक-दूसरे को 10 साल से जानते थे। जेसिका लाल हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा हो जाने के बाद यह शादी लटक गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कैदियों को भी शादी करने की छूट देने के प्रावधानों के तहत मनु शर्मा ने शादी की। जेल में रहने के दौरान मनु शर्मा ने मानवाधिकार में मास्टर्स की डिग्री की भी ली है।