प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति को दिल्ली में जोर बाग स्थित आवास खाली करने का निर्देश दिया। इस आवास को एजेंसी ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कुर्क किया था। इस मामले में वह आरोपी हैं। इस बीच, कार्ति चिदंबरम ने जोर बाग स्थित अपना आवास खाली करने के ईडी के नोटिस को अपीलीय प्राधिकरण, पीएमएलए में चुनौती दी।
धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दिये गए पूर्व के एक आदेश के बाद बुधवार शाम कार्ति को आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया। ईडी ने पिछले साल 10 अक्टूबर को 115-ए ब्लॉक 172, जोर बाग, नई दिल्ली स्थित यह संपत्ति कुर्क की थी।
नोटिस में कहा गया है कि संबद्ध प्राधिकार ने इस कुर्की की 29 मार्च को पुष्टि की थी, जिसके बाद निर्देश जारी किया गया। ईडी द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि कार्ति चिदंबरम को आवास खाली करने और इस नोटिस के मिलने के 10 दिन के भीतर इसका अधिकार सौंपने का निर्देश दिया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक इस प्रॉपर्टी का मालिकाना हक संयुक्त रूप से कार्ति और उनकी मां नलिनी चिदंबरम के पास है। गौरतलब है कि यह मामला 2007 में आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड) से 305 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की मंजूरी से संबद्ध है।
ईडी के साथ-साथ सीबीआई द्वारा दायर मामले भी अदालत में लंबित हैं। तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद चुने गए कार्ति चिदंबरम मामले में अभी जमानत पर हैं। हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है।
चिदंबरम, कार्ति को एयरसेल-मैक्सिस मामले में नौ अगस्त तक मिली गिरफ्तारी से छूट
दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस मामले में गिरफ्तारी से मिली अंतरिम छूट नौ अगस्त तक बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने पिता-पुत्र द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर दलील के बाद राहत नौ अगस्त तक बढ़ा दी।
सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने इस मामले में दलील रखने के लिये और समय की मांग की। चिदंबरम ने अदालत से कहा कि उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने का कोई आधार नहीं है। यह मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी दिये जाने में की गयी कथित अनियमितताओं से संबंधित है।