दिल्ली: डॉक्टर कफील की रिहाई के लिए जामिया समन्वय समिति ने किया प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: February 20, 2020 01:27 PM2020-02-20T13:27:09+5:302020-02-20T13:44:48+5:30
गुरुवार (20 फरवरी) को जामिया समन्वय समिति ने डॉ. कफील की रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली के यूपी भवन के बाहर प्रदर्शन किया, जिसे लेकर पुलिस ने सख्त रुख अपनाया। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा की जेल में बंद डॉक्टर कफील खान की रिहाई की मांग जोर पकड़ रही है।
गुरुवार (20 फरवरी) को जामिया समन्वय समिति ने डॉ. कफील की रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली के यूपी भवन के बाहर प्रदर्शन किया, जिसे लेकर पुलिस ने सख्त रुख अपनाया। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
Delhi: A protest was organised by Jamia Coordination committee outside UP Bhawan today, against UP govt and demanding the release of Dr Kafeel Khan. The protesters have been detained by the Police. pic.twitter.com/Sqm9jKsGnK
— ANI (@ANI) February 20, 2020
बता दें कि पिछले शुक्रवार को डॉक्टर कफील की जमानत पर रिहाई को लेकर सुनवाई होनी थी लेकिन उससे पहले ही उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने की खबर आई।
डॉक्टर कफील खान को उत्तर प्रदेश टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मुंबई के हवाईअड्डे 29 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थित जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर भी डॉक्टर कफील खान की रिहाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने डॉक्टर कफील पर रासुका लगाए जाने के खिलाफ आवाज उठाई।
मथुरा जेल अक्षीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने मीडिया को बताया था कि रासुका के तहत डॉ. कफील को अगले एक साल तक जेल में ही निरुद्ध रखा जा सकता है।
डॉ कफील के भाई अदील अहमद खान ने मीडिया से कहा था कि जिस तरह से रिहाई में देर की जा रही थी, उससे पहले से ही आशंका हो गई थी कि राज्य सरकार उन पर रासुका की कार्यवाही कर सकती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर कफील की रिहाई के लि वे हाइकोर्ट का रुख करेंगे।
बता दें कि डॉक्टर कफील खान को अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। लगभग 2 साल के बाद जांच में खान को सभी प्रमुख आरोपों से बरी कर दिया गया था।