नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल ने अपनी हिरासत को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका को वापस ले लिया है। बता दें कि न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए इसे 12 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया था क्योंकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इस मामले में आगे बहस के लिए उपलब्ध नहीं थे। इसके बाद तय समय के अनुसार शुक्रवार (12 सितंबर) को सुनवाई हुई है।
इससे पहले तीन सितंबर को शाह फैसल ने दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि उनके खिलाफ जारी किया गया लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) प्रथम दृष्टया सत्ता का दुर्भावनापूर्ण इस्तेमाल है और इसके लिए उन्हें कोई उचित आधार नहीं बताया गया। फैसल को श्रीनगर में हिरासत में लिया गया था।
फैसल ने अपने प्रत्युत्तर में कहा था कि उन्हें नयी दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था और जबरन श्रीनगर ले जाया गया था। इसलिए स्पष्ट रूप से यह इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में है।
दलीलों में कहा गया था कि जब दिल्ली हवाई अड्डे पर फैसल को अवैध रूप से उतारा गया और हिरासत में लिया गया तो उन्हें कोई आधार नहीं बताया गया जिस पर उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई। फैसल को स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले 14 अगस्त को हिरासत में लिया गया था। (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)