नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस के नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में सर गंगा राम अस्पताल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को लेकर जांच और अन्य कार्रवाइयों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 अगस्त तय की है। बता दें, छह जून को दिल्ली सरकार की शिकायत पर पुलिस ने यह प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। दिल्ली सरकार ने 675 बिस्तरों वाले मशहूर गंगाराम अस्पताल को चार जून को कोविड-19 केन्द्र घोषित करते हुए उसे 80 प्रतिशत बिस्तर कोरोना वायरस रोगियों के लिये आरक्षित करने को कहा था। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कोविड-19 महामारी विनियमन 2020 के कथित उल्लंघन के लिये भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया।
शिकायत के अनुसार, अस्पताल कथित रूप से कोविड-19 जांच के लिए नमूने लेते वक्त आरटी-पीसीआर ऐप का इस्तेमाल नहीं कर रहा था। दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रयोगशालाओं के लिए आरटी-पीसीआर के जरिए नमूने लेना 'अनिवार्य' है।
प्राथमिकी के अनुसार, 'सीडीएमओ-सह-मिशन निदेशक (मध्य) ने कहा है कि सर गंगा राम अस्पताल अभी भी आरटी-पीसीआर ऐप का उपयोग नहीं कर रहा है, जो कि कोविड -19 विनियमन 2020 अधिनियम के तहत जारी निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।'
आपको बता दें, राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या करीब 60 हजार होने के बाद सरकार शहर में निषिद्ध क्षेत्रों की रणनीति को मजबूत बनाने में जुट गई है ताकि संक्रमण को बड़े इलाके में फैलने से रोका जा सके। शहर में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से 2,175 लोग की मौत हुई है।