दिल्ली सरकार के 24 घंटे पानी देने वाले वादे पर कोर्ट का बयान- ये सब चुनावी लॉलीपॉप हैं
By मनाली रस्तोगी | Published: January 15, 2022 02:49 PM2022-01-15T14:49:52+5:302022-01-15T15:08:13+5:30
दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि हर साल चुनाव के समय जनता से 24 घंटे पानी देने वाले वादे किए जाते हैं, लेकिन इनके बारे में कोई गंभीर नहीं है।
नई दिल्ली:दिल्ली सरकार से सवाल करते हुए हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि क्या आप 24 घंटे पानी देने वाले अपने वादे भूल गए हैं? ये वादे हर बार चुनाव के समय किए जाते हैं। मच्छरों के संक्रमण को लेकर कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि 'ये सब चुनावी लॉलीपॉप हैं और आप इन वादों को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं हैं।'
वहीं, न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने ये भी कहा कि हकीकत में ये एक खेदजनक स्थिति है कि साल 2005 से अदालतें नालों की गाद निकालने जैसे मामलों से निपट रही हैं। यही नहीं, अभी भी ये चल रहा है। बता दें कि अदालत को मच्छरों से होने वाले संक्रमण को लेकर पहले बताया गया था कि दिल्ली में पानी की आपूर्ति भी ऐसी स्थिति के लिए एक योगदान कारक है क्योंकि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में कोई जलापूर्ति लाइन ठीक से नहीं बिछाई गई है।
इस सिलसिले में अदालत को निगमों की तरफ से पेश अधिवक्ता दिव्य प्रकाश पांडे ने बताया कि "वहां के लोग टैंकरों पर निर्भर हैं। वे अपने बर्तनों और अन्य चीजों में पानी इकट्ठा करते हैं और रखते हैं। इस वजह से भी अगर 4-5 दिनों के बाद टैंकर आता है, इससे मच्छरों का प्रजनन बढ़ सकता है।" दिल्ली जल बोर्ड की ओर से अधिवक्ता साक्षी पोपली ने कहा कि सभी क्षेत्रों में 24 घंटे आपूर्ति उपलब्ध नहीं है और कुछ स्थानों पर टैंकरों के माध्यम से पानी भेजा जाता है। पोपली ने कहा, "ये एक शेड्यूल है जिसका पालन किया जा रहा है।"