दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला, पुलिस हिरासत में महिला का 'कौमार्य परीक्षण' असंवैधानिक

By अंजली चौहान | Published: February 8, 2023 01:05 PM2023-02-08T13:05:08+5:302023-02-08T13:09:34+5:30

अपनी गिरफ्तारी के बाद सिस्टर स्टेफी ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने उनकी सहमति के बिना कौमार्य परीक्षण किया था।

Delhi High Court rules virginity test of woman in police custody unconstitutional | दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला, पुलिस हिरासत में महिला का 'कौमार्य परीक्षण' असंवैधानिक

फाइल फोटो

Highlightsदिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कौमार्य परीक्षण करना न केवल उसकी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक अखंडता के साथ हस्तक्षेप करने के समान है। सिस्टर स्टेफी ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने उनकी सहमति के बिना कौमार्य परीक्षण किया था।कोर्ट ने सिस्टर अभया की हत्या जो कि 27 मार्च, 1992 में हुई थी इस संबंध में फैसला सुनाया है।

नई दिल्ली: महिला आरोपी के कौमार्य परीक्षण को लेकर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि महिला आरोपी का कौमार्य परीक्षण कराना असंवैधानिक, लैंगिक भेदभाव और गरिमा के अधिकार का उल्लघंन है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं है जो 'कौमार्य परीक्षण' का प्रावधान करती हो और ऐसा परीक्षण अमानवीय व्यवहार का एक रूप है। 

दरअसल, अदालत ने ये सुनवाई केरल में सिस्टर अभया मर्डर केस की आरोपी स्टेफी के वर्जिनिटी टेस्ट को लेकर की है। कोर्ट ने इस टेस्ट को असंवैधानिक घोषित कर दिया। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि न्यायिक या पुलिस हिरासत में आरोपी महिला का कौमार्य परीक्षण संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लघंन है, जिसमें गरिमा का अधिकार शामिल है। 

न्यायाधीश ने कहा कि इसलिए यह अदालत मानती है कि .ह परीक्षण लैंगिक भेदभाव पूर्ण है और महिला अभियुक्त की गरिमा के मानवाधिकार का उल्लघंन है, अगर उसे हिरासत में रखते हुए इस तरह का परीक्षण किया जाता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसियां ऐसे मामलों में थोड़ी संवेदनशीलता रखें। 

कोर्ट ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि 'हिरासत की गरिमा' की अवधारणा के तहत एक महिला का पुलिस हिरासत में रहते हुए भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार शामिल है। उसका कौमार्य परीक्षण करना न केवल उसकी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक अखंडता के साथ हस्तक्षेप करने के समान है। 

सीबीआई पर जबरन कौमार्य परीक्षण का आरोप 

बता दें कि केरल में सिस्टर स्टेफी को सिस्टर अभया की हत्या के 16 साल बाद नवंबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था। सिस्टर अभया 27 मार्च, 1992 को कोट्टायम के पियस टेंथ कॉन्वेंट में एक कुएं में मृत पाई गई थी।  अपनी गिरफ्तारी के बाद सिस्टर स्टेफी ने आरोप लगाया कि सीबीआई  ने उनकी सहमति के बिना कौमार्य परीक्षण किया था। चर्च और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इससे महिला के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। 

Web Title: Delhi High Court rules virginity test of woman in police custody unconstitutional

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