बलात्कार मामले को पुरुष न्यायाधीश के बजाय महिला न्यायाधीश को स्थानांतरित करने से इनकार, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा- इस कदम से बाढ़ आ जाएगी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 7, 2023 06:26 PM2023-04-07T18:26:14+5:302023-04-07T18:26:59+5:30

उच्च न्यायालय ने कहा कि केवल याचिकाकर्ता की आशंका ऐसे मामलों को पॉक्सो अदालतों में स्थानांतरित करने का आधार नहीं बन सकती, जबकि मामले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधान शामिल न हों।

Delhi High Court Refusal to transfer rape case to woman judge instead of male judge this move will lead to flood | बलात्कार मामले को पुरुष न्यायाधीश के बजाय महिला न्यायाधीश को स्थानांतरित करने से इनकार, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा- इस कदम से बाढ़ आ जाएगी

उच्च न्यायालय की ओर से पारित निर्देशों के तहत ऐसे मामलों को संवेदनशील तरीके से निपटेंगे।

Highlightsमहिला न्यायिक अधिकारी की अध्यक्षता वाली अदालतों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता होगी। मामला एक निचली अदालत के समक्ष लंबित है, जहां आरोप तय करने पर बहस हो रही है।उच्च न्यायालय की ओर से पारित निर्देशों के तहत ऐसे मामलों को संवेदनशील तरीके से निपटेंगे।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला की ओर से दर्ज कराये गये बलात्कार के मामले को एक पुरुष न्यायाधीश के बजाय महिला न्यायाधीश को स्थानांतरित करने से इनकार करते हुए कहा कि इस कदम से ऐसे अनुरोधों की बाढ़ आ जाएगी, जहां इस तरह के मामलों को विशेष पॉक्सो अदालतों या एक महिला न्यायिक अधिकारी की अध्यक्षता वाली अदालतों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता होगी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि केवल याचिकाकर्ता की आशंका ऐसे मामलों को पॉक्सो अदालतों में स्थानांतरित करने का आधार नहीं बन सकती, जबकि मामले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधान शामिल न हों।

न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने कहा कि पीठासीन अधिकारी - पुरुष या महिला- से अपेक्षा की जाती है कि वे महिलाओं, बच्चों या यौन अपराधों से जुड़े मामलों से निपटने के दौरान उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय की ओर से पारित निर्देशों के तहत ऐसे मामलों को संवेदनशील तरीके से निपटेंगे।

अदालत अश्लील सामग्री परोसने वाली बेवसाइट पर शिकायतकर्ता की तस्वीरों के दुरुपयोग के आरोपों से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी। इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसका लैपटॉप जब्त किया गया है। यह आपराधिक मामला एक निचली अदालत के समक्ष लंबित है, जहां आरोप तय करने पर बहस हो रही है।

इस बीच, पीड़िता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के कुछ प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई एक पुरुष न्यायाधीश के बजाय एक महिला न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए।

उच्च न्यायालय ने प्रावधानों पर विचार करने के बाद कहा कि आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) के तहत मामलों की सुनवाई के संबंध में ऐसा कोई निर्धारित आदेश नहीं है कि ऐसे मामले को एक महिला न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली अदालत द्वारा ही निपटाया जाना है। 

Web Title: Delhi High Court Refusal to transfer rape case to woman judge instead of male judge this move will lead to flood

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