निर्भया मामले में चार दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज ही सुनवाई होगी। इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 24 जनवरी 2020 तक के लिए सुनवाई टाल दी थी लेकिन निर्भया के वकील की दलील के बाद आज ही सुनवाई का फैसला किया गया। गौरतलब है कि दोषी के वकील ने कागजात फाइल करने के लिए समय मांगा था। पवन कुमार गुप्ता ने दावा किया है कि 2012 में वो नाबालिग था इसलिए उसके साथ किशोर न्याय कानून के तहत बर्ताव किया जाए। यह संभावना भी सामने आ रही है कि अगर पवन गुप्ता के दावे में सच्चाई हुई तो उसके रिहा होने की भी संभावना है। लेकिन अगर नहीं साफ हो पाया तो इनकी फांसी का रास्ता साफ हो जाएगा।
सात दिन में दया याचिका
तिहाड़ जेल प्रशासन ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषियों को सात दिन के भीतर दया याचिका दाखिल करने के लिए बुधवार को एक नोटिस जारी किया। जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने यह जानकारी दी। गोयल ने पीटीआई भाषा को बताया कि प्रशासन ने चारों दोषियों से कहा है कि दया याचिका दाखिल करने के लिए उनके पास सात दिन का समय है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि वे इस समय सीमा के भीतर दया याचिका दाखिल नहीं करते हैं तो जेल प्रशासन इसके बाद आगे की कार्यवाही के लिए संबंधित अदालत से संपर्क करेगा।
इससे पूर्व आज दिन में पटियाला हाउस अदालत ने 16 दिसंबर 2012 के मामले में दोषियों के खिलाफ मौत का वारंट जारी करने संबंधी मामले पर सुनवाई सात जनवरी तक स्थगित कर दी । मौत की सजा के खिलाफ आखिरी समीक्षा याचिका उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के कुछ ही घंटों के बाद शहर की अदालत ने यह जानने के लिए एक सप्ताह का समय दिया कि क्या चारों दोषी दया याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं या नहीं । निर्भया के माता पिता ने उच्चतम न्यायालय और पटियाला हाउस अदालत, दोनों ही जगह अदालत की कार्यवाही देखी। इस मामले में न्यायालय ने पिछले साल नौ जुलाई को तीन अन्य दोषियों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी।
क्या है पूरा मामला
दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह व्यक्तियों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। इस सनसनीखेज अपराध के सिलसिले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था। इस नाबालिग आरोपी पर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष मुकदमा चला था और उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखा गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर