रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ी, ईडी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया नोटिस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 27, 2019 11:31 AM2019-05-27T11:31:13+5:302019-05-27T11:31:13+5:30
रॉबर्ट वाड्रा लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर स्थित 19 लाख पाउंड की एक संपत्ति की खरीद में काले धन को सफेद में बदलने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को धनशोधन के एक मामले में दी गयी अग्रिम जमानत को रद्द करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा और उनके करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को ईडी की याचिका पर नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। ईडी ने अपने याचिका में कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और उनकी अग्रिम जमानत रद्द की जाए।
ईडी ने 24 मई को याचिका दाखिल की थी। एजेंसी ने निचली अदालत के एक अप्रैल के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा को अग्रिम जमानत दी गयी थी। एजेंसी ने कहा कि विशेष न्यायाधीश कानून के इस तय सिद्धांत पर विचार नहीं कर पाए कि नियमित रूप में जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
ईडी ने यह दावा भी किया कि वाड्रा ने जांच में सहयोग नहीं किया और टालमटोल करते रहे। एजेंसी का कहना था कि वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। केंद्रीय एजेंसी ने वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी एलएलपी के कर्मचारी और मामले में सह-आरोपी मनोज अरोड़ा को दी गयी अग्रिम जमानत को भी चुनौती दी है।
ईडी के वकील डी पी सिंह के माध्यम से दाखिल याचिका में वाड्रा को दी गयी अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की गयी है और कहा गया है कि उन्हें राहत दी गयी तो वह कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर एजेंसी की जांच के लिए नुकसानदायक होगी।
वाड्रा लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर स्थित 19 लाख पाउंड की एक संपत्ति की खरीद में काले धन को सफेद में बदलने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। ईडी का आरोप है कि वाड्रा के करीबी सहयोगी अरोड़ा को उनकी अघोषित विदेशी संपत्तियों के बारे में पता था और वह धन का बंदोबस्त करने में अहम था। मामले को रद्द करने की मांग वाली वाड्रा और अरोड़ा की दो अलग अलग याचिकाएं भी उच्च न्यायालय में लंबित हैं।