दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेल में अंकित गुर्जर की मौत की जांच सीबीआई को सौंपी

By भाषा | Published: September 8, 2021 01:28 PM2021-09-08T13:28:47+5:302021-09-08T13:28:47+5:30

Delhi High Court hands over investigation of Ankit Gurjar's death in jail to CBI | दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेल में अंकित गुर्जर की मौत की जांच सीबीआई को सौंपी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेल में अंकित गुर्जर की मौत की जांच सीबीआई को सौंपी

नयी दिल्ली, आठ सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने तिहाड़ जेल के कैदी अंकित गुर्जर की कथित हत्या के मामले की जांच बुधवार को सीबीआई को सौंपते हुए कहा कि उसने ‘‘हिरासत में हुई हिंसा के कारण अपनी जान गंवा दी।’’

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने तिहाड़ जेल में अंकित की मौत की घटना की जांच सीबीआई से करने के लिए गुर्जर के परिवार की याचिका पर निर्देश दिया। न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि मामले की फाइल दिल्ली पुलिस से सीबीआई को भेजने और केंद्रीय एजेंसी को 28 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा, ‘‘जेल की दीवारें कितनी भी ऊंची हो लेकिन जेल की नींव कानून की व्यवस्था पर टिकी है जिसमें भारत के संविधान में दिए उसके कैदियों के अधिकारों को सुनिश्चित किया गया है। यह अंकित गुर्जर के इन संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है जिसने तिहाड़ जेल में हिरासत में हुई हिंसा के कारण जान गंवा दी, जिसकी वजह से अंकित गुर्जर की मां, बहन और भाई याचिकाकर्ता गीता, शिवानी और अंकुल को मौजूदा रिट याचिका दायर करनी पड़ी।’’

अदालत ने कहा कि अगर जेल में वसूली के परिवार के आरोप सही हैं तो ‘‘यह बहुत गंभीर अपराध है जिसकी गहरायी से जांच होनी चाहिए।’’ उसने कहा, ‘‘यह अदालत आईपीसी की धारा 302/323/341/34 के तहत पीएस हरी नगर, दिल्ली में दर्ज प्राथमिकी संख्या 451/2021 की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए इस मामले को उपयुक्त मानती है। मामले की फाइल संबंधित पुलिस थाना तत्काल सीबीआई को सौंपे।’’

गुर्जर चार अगस्त को तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में मृत पाया गया था।

अदालत ने कहा कि मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जेल अधिकारियों की इस ‘‘कहानी को झुठलाती’’ है कि एक झड़प हुई थी जिसमें उपाधीक्षक और गुर्जर दोनों को चोटें आयी थीं। आदेश में कहा गया है, ‘‘यह साफ है कि मृतक की बर्बर तरीके से पिटायी की गयी और उसे इलाज भी नहीं दिया गया। न केवल नरेन्द्र मीणा (डीएस) और अन्य ने मृतक से निर्दयीता से मारपीट की बल्कि जेल के डॉक्टर ने भी अपनी ड्यूटी नहीं निभायी जब उन्होंने रात में एक बजे अंकित की जांच की और उसे इंजेक्शन लगाया क्योंकि डॉक्टर ने अंकित की हालत के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया और न ही उसे अस्पताल भेजा।’’

अदालत ने कहा कि यह कल्पना से परे हैं कि जेल के डॉक्टर ने मृतक के शरीर पर आयी कई चोटों को नहीं देखा। मृतक की बर्बर तरीके से पिटायी के अपराध की ही जांच की आवश्यकता नहीं है बल्कि ‘‘सही वक्त पर उचित इलाज मुहैया नहीं कराने में जेल के डॉक्टरों की भूमिका’’ की भी जांच होनी चाहिए।

न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि डीआईजी (जेल) उपाधीक्षक की ‘‘मिलीभगत/ढिलाई पर गौर करने में नाकाम’’ रहे जिन्होंने स्थानीय पुलिस को तीन-चार अगस्त की मध्यरात्रि पर मृतक की पिटायी के संबंध में पीसीआर पर मिली सूचना की जांच के लिए स्थानीय पुलिस को जेल के भीतर नहीं जाने दिया।

दिल्ली पुलिस से जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध करने वाली याचिका में मृतक कैदी के परिवार ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारी गुर्जर को प्रताड़ित कर रहे थे क्योंकि वह ‘‘पैसों के लिए रोज बढ़ रही उनकी मांग को पूरी नहीं कर पाया था’’ और उसकी ‘‘पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत’’ हत्या कर दी गयी।

वकील महमूद प्राचा और शरीक निसार के जरिए दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि तिहाड़ में जेल प्राधिकारी एक ‘‘संगठित वसूली गिरोह’’ चला रहे हैं और पुलिस दोषियों को बचाने के लिए जांच में हेरफेर की कोशिश कर रही है।

इसमें दावा किया गया है कि ‘‘पूरा प्रशासन दोषी है’’ क्योंकि जब मृतक की पिटायी की गयी तो एक अधिकारी ने सीसीटीवी को बंद करने का कथित तौर पर आदेश दिया।

अदालत ने 18 अगस्त को याचिका पर दिल्ली पुलिस और जेल प्राधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि स्थानीय पुलिस निष्पक्ष तरीके से जांच कर रही है और गुर्जर ने एक दिन पहले उपाधीक्षक पर हमला किया था और उसके पास से अन्य सामान के साथ ही मोबाइल फोन भी बरामद हुआ था।

जेल प्रशासन ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि उपाधीक्षक समेत चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और आठ अन्य को केंद्रीय जेल संख्या तीन से स्थानांतरित कर दिया गया है तथा अगले आदेश तक अधीक्षक, पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Delhi High Court hands over investigation of Ankit Gurjar's death in jail to CBI

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे