नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि राष्ट्रीय राजधानी को आवंटन आदेश के अनुरूप निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो।
अदालत ने कहा कि केंद्र के ऑक्सीजन आवंटन आदेश का कड़ा अनुपालन होना चाहिए और ऐसा न करने पर आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि हरियाणा जैसे दूसरे राज्यों के संयंत्रों से दिल्ली को ऑक्सीजन आवंटन के केंद्र के फैसले का स्थानीय प्रशासन द्वारा सम्मान नहीं किया जा रहा है और इसे तत्काल सुलझाने की जरूरत है।
अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह ऑक्सीजन ला रहे वाहनों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए और समर्पित कॉरिडोर स्थापित करे। उच्च न्यायालय की यह टिप्पणी तब आई जब दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि हरियाणा के पानीपत से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति को वहां की स्थानीय पुलिस अनुमति नहीं दे रही है। दिल्ली सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ संयंत्रों से भी ऑक्सीजन का लेकर नहीं आने दिया गया।
ऑक्सीजन संकट टलने के बाद बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाएगी : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन संकट का समाधान होने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में भारी वृद्धि की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अस्पतालों के आईसीयू में 800 नए बिस्तर जोड़े जाने की संभावना है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने केन्द्र से दो सप्ताह के लिए 7,000 बिस्तर देने की मांग की है। अभी तक हमें 2,000 बिस्तर मिले हैं।’’ जैन ने कहा कि बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है लेकिन दिल्ली में पिछले तीन दिनों से ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर ‘‘गंभीर समस्या’’ हो रही है।
मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा (378 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 480 मीट्रिक टन) बढ़ाया है, लेकिन दिल्ली में नए केविड केयर सेंटर के संचालन के लिए जरुरत पड़ेगी। मंत्री ने कहा, ‘‘संकट समाप्त होने के बाद बिस्तरों की संख्या में भारी इजाफा किया जाएगा।’’
जैन ने कहा कि दिल्ली के अस्पताल पूरी रात ऑक्सीजन की कमी से जूझते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति लगभग समाप्त हो गयी है। इसलिए अस्पतालों को कम मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।’’ बृहस्पतिवार की सुबह दिल्ली के छोटे अस्पतालों को अपने मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की संकट से जूझना पड़ा, हालांकि कुछ बड़े अस्पतालों को रात को ऑक्सीजन का स्टॉक मिला है।