नई दिल्ली, 29 मई: जेएनयू के प्रोफेसर अतुल जौहरी अब किसी भी यूनिवर्सिटी में महिला हॉस्टल के वॉर्डन नहीं बनेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रोफेसर अतुल जौहरी के महिला हॉस्टल के वॉर्डन होने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रोफेसर अतुल जौहरी के निलंबन पर फैक्ट फाइंडिंग कमिटी को फैसला करने को कहा है। साथ ही इस मामले में सुनवाई के लिए 17 अगस्त का दिन निर्धारित किया है।
बता दें कि 16 मार्च को जेएनयू की 9 छात्राओं ने स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के प्रोफेसर अतुल जौहरी पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया था। छात्राओं ने अपनी शिकायत में ये कहा था कि प्रोफेसर लड़कियों को गंदी निगाह से देखते थे। लड़कियों के फिगर और शरीर पर टिप्पणी करते थे। इस मामला तब खुलासा हुआ, जब जेएनयू से एक 26 वर्षीय छात्रा गायब हो गई थी। एक ई-मेल में उसने अतुल जौहरी को चरित्रहीन कहा था। इसके बाद नौ लड़कियों सामने आईं और अतुल जौहरी के खिलाफ शिकायत की। शिकायत के बाद वसंत कुंज पुलिस ने मामले दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी।
आरोपी प्रोफेसर ने 17 मार्च को नैतिकता के आधार पर यूनिवर्सिटी के दो प्रशासनिक पदों से इस्तीफा दे दिया था। 20 मार्च को पुलिस ने अतुल जौहरी को गिरफ्तार किया था। फिर उसी शाम वो जमानत पर रिहा हो गए। पीड़ित छात्राओं ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रोफेसर अतुल जौहरी के जेएनयू कैंपस में आने से रोक और निलंबन की मांग की थी। जिस पर 23 मई को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।