दिल्ली सरकार ने घर-घर राशन पहुंचाने संबंधी योजना की फाइल फिर से उपराज्यपाल को भेजी
By भाषा | Updated: October 5, 2021 18:31 IST2021-10-05T18:31:09+5:302021-10-05T18:31:09+5:30

दिल्ली सरकार ने घर-घर राशन पहुंचाने संबंधी योजना की फाइल फिर से उपराज्यपाल को भेजी
नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर दिल्ली सरकार ने घर-घर जाकर राशन पहुंचाने संबंधी योजना की फाइल एक बार फिर उपराज्यपाल अनिल बैजल की मंजूरी के लिए उनके पास भेजी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
यह फाइल पहले भी दो बार बैजल को भेजी गयी थी लेकिन उन्होंने इसे मंजूरी नहीं दी।
बयान के मुताबिक, पिछले सप्ताह केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल सरकार को दिल्ली में घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को सशर्त अनुमति प्रदान की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बैजल को फाइल भेजी है।
बयान में केजरीवाल के हवाले से कहा गया, '' उच्च न्यायालय ने योजना को लागू करने की अनुमति प्रदान की है। अब हम उपराज्यपाल से अपील करते हैं कि वह घर-घर राशन पहुंचाने की मंजूरी दें ताकि दिल्ली में जल्द से जल्द यह योजना लागू की जा सके।''
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह दिए अपने आदेश में दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह सभी उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों को उन राशन कार्डधारकों की जानकारी दें जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है।
अदालत ने कहा था कि इसके बाद उचित मूल्य की दुकान के मालिकों को उन सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों के राशन की आपूर्ति नहीं करनी पड़ेगी जिन्होंने घर तक सामान पहुंचाने के विकल्प को चुना है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ को दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ ने अदालत में चुनौती दी है।
दिल्ली सरकार का आरोप है कि केजरीवाल सरकार गरीबों की सहायता के लिए घर-घर राशन पहुंचाने संबंधी योजना को लागू करना चाहती है जबकि उपराज्यपाल और केंद्र सरकार इसका विरोध कर रहे हैं।
बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उच्च न्यायालय ने इस योजना को लागू करने का रास्ता साफ कर दिया है और दिल्ली सरकार योजना के कार्यान्वयन संबंधी अदालत के निर्देश का गंभीरता से पालन करेगी।
इस योजना को लेकर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल व केंद्र के बीच लंबे समय से तनातनी जारी है। इस योजना की शुरुआत इस साल मार्च में होनी थी लेकिन उपराज्यपाल के जरिए केंद्र ने इसके शुरू होने से लगभग एक सप्ताह पहले रोक लगा दी थी।
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