Delhi Election Result: दिल्ली में फिर एक बार केजरीवाल सरकार, जानें चुनाव जीतने के 8 बड़े कारण
By अनुराग आनंद | Published: February 11, 2020 03:10 PM2020-02-11T15:10:51+5:302020-02-11T15:10:51+5:30
फ्री बिजली-पानी, फ्री बस-यात्रा, अच्छी व सस्ती स्कूली शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं, बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा जैसे कामों पर दिल्ली की जनता ने मुहर लगाई है।
दिल्ली विधानसभा के लगभग सभी सीटों के रुझान आ गए हैं। आम आदमी पार्टी आसानी से सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। ऐसे में जनता की सहानुभूति फिर से 'एकला चलो' की रणनीति अपनाने वाले केजरीवाल के लिए उमड़ी। फ्री बिजली-पानी, फ्री बस-यात्रा, अच्छी व सस्ती स्कूली शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं, बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा जैसे कामों पर दिल्ली की जनता ने मुहर लगाई है।
ये हैं जीतने की 8 बड़ी वजहें-
1 स्कूल और स्वास्थ्य सुविधा
सरकारी स्कूलों और सरकारी अस्पतालों में केजरीवाल सरकार के काम की हर तरफ तारीफ हुई। तमाम क्षेत्रों में मोहल्ला क्लीनिक खोलकर गरीब लोगों के घर के पास प्राइमरी हेल्थ सर्विस पहुंचाई गईं। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सिस्टम को मजबूत बनाया गया। स्कूल और स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने काम का आम आदमी पार्टी की सरकार ने जमकर प्रचार भी किया।
2 मुसलमानों का झुकाव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद से मुस्लिमों की बड़ी आबादी के मन में डर बैठ गया है। मुसलमान उस पार्टी को वोट देना चाहते हैं जो बीजेपी को हराने में सक्षम हो। दिल्ली चुनाव में यही हुआ। कांग्रेस दिल्ली चुनाव में कहीं नजर नहीं आई। ऐसे में मुसलमानों का अधिकतर वोट आम आदमी पार्टी को जाना तय था। दिल्ली में सीलमपुर, ओखला जैसी कई सीटों पर मुस्लिम निणार्यक स्थिति में हैं।
3 फ्री बिजली, फ्री पानी
हर महीने 20 हजार लीटर फ्री पानी और 200 यूनिट फ्री बिजली देने के फैसले से केजरीवाल सरकार ने दिल्लीवालों का दिल जीत लिया। पूरे कार्यकाल में मुफ्त पानी देकर जनता को फायदा पहुंचाया गया। बढ़ती महंगाई के बीच जब निम्न व मध्यमवर्गीय परिवारों के बिजली-पानी के बिल जीरो या मामूली आने लगे तो उन्हें काफी राहत मिली। अपने इन फैसलों से आप बीजेपी के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रही।
4 महिलाओं को भी आप को सपोर्ट
आम आदमी पार्टी ने जितना महिलाओं पर फोकस किया, उतना बीजेपी ने नहीं। केजरीवाल सरकार ने बसों में 30 अक्टूबर को भैयादूज के दिन से मुफ्त सफर की महिलाओं को सौगात दी। एक आंकड़े के मुताबिक प्रतिदिन करीब 13 से 14 लाख महिलाएं दिल्ली में बसों में सफर करतीं हैं
5 दिल्ली में केजरीवाल, केंद्र में मोदी
दिल्ली की जनता के दिलोंदिमाग में 'दिल्ली में केजरीवाल, केंद्र में मोदी' वाली बात समा गई है। 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भले ही आप को 70 में से 67 सीटें मिली हों लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दोनों बार दिल्ली की सातों सीटों पर कब्जा किया। लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे में 90 फीसदी लोगों ने कहा कि वह सीएम के तौर पर केजरीवाल को और 79% ने कहा कि पीएम के तौर पर मोदी को देखना चाहते हैं।
6 केजरीवाल की टक्कर का स्थानीय नेता नहीं
पूरे चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी का एक ही स्पष्ट चेहरा रहा- पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल । वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने अपने सीएम उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया। दिल्ली की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के पास लंबे समय से केजरीवाल की टक्कर का स्थानीय चेहरा नहीं रहा। शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर असमंजस में रही।
7 भाजपा नेताओं के विवादित बयानों से बढ़ाई मुश्किल
बीजेपी के नेताओं के विवादित बयानों ने आप को फायदा पहुंचाया। बीजेपी के नेताओं के विवादित बयानों ने उनकी छटपटाहट दिखाई। अनुराग ठाकुर अपनी रैली में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर हमला बोलते हुए कहते नजर आए कि 'देश के गद्दारों को, गोली मारो ... को...'।
8 स्कूलों की फीस न बढ़ने देना
दिल्ली में स्कूलों की हालत सुधरने को जो दावे हों, मगर सबसे ज्यादा लाभ प्राइवेट स्कूलों की फीस पर अंकुश लगाने से मध्यमवगीर्य जनता को पहुंचना बताया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के ही एक सूत्र के मुताबिक दिल्ली में अधिकांश स्कूल कांग्रेस और भाजपा नेताओं के चलते हैं।