'बीजेपी की कुछ दुखी आत्मा कह रही हैं दिल्ली वाले मुफ्तखोर हैं, शर्म करो भाजपाइयों'
By रामदीप मिश्रा | Published: February 13, 2020 01:27 PM2020-02-13T13:27:09+5:302020-02-13T13:43:14+5:30
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में प्रचंड बहुमत से अरविंद केजरीवाल जीते हैं। उनकी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 48 सीटों का दावा कर रही बीजेपी सिर्फ सात सीटों पर ही विजय पा सकी है। पिछले चुनाव (2015) में आम आदमी पार्टी (आप) को कुल 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
देश की राजधानी दिल्ली में तीसरी बार आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता पर काबिज हुई है। इस बीच आरोप लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली की जनता को बिजली, पानी का फ्री लालच देकर भ्रमित किया गया है। इस मामले को लेकर आप के दिग्गज नेता व राज्यसभा सभा सांसद संजय सिंह ने हमला बोला है और कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कुछ दुखी आत्मा कह रही हैं दिल्ली वाले मुफ्तखोर हैं।
संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'बीजेपी की कुछ दुखी आत्मा कह रही हैं दिल्ली वाले मुफ्तखोर हैं शर्म करो भाजपाइयों। तुम बड़े-बड़े पूँजीपतियों को लाखों करोड़ की छूट देते, अडानी अम्बानी को मज़बूत करते हो, हम आम आदमी को मजबूत करते हैं उससे तुम्हें तकलीफ क्यों होती है?'
आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में प्रचंड बहुमत से अरविंद केजरीवाल जीते हैं। उनकी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 48 सीटों का दावा कर रही बीजेपी सिर्फ सात सीटों पर ही विजय पा सकी है। पिछले चुनाव (2015) में आम आदमी पार्टी (आप) को कुल 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
भाजपा की कुछ दुखी आत्मा कह रही है दिल्ली वाले मुफ़्तख़ोर हैं शर्म करो भाजपाईयों तुम बड़े बड़े पूँजीपतियों को लाखों करोड़ की छूट देते अडानी अम्बानी को मज़बूत करते हो हम आम आदमी को मज़बूत करते हैं उससे तुम्हें तकलीफ़ क्यों होती है?
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) February 13, 2020
इस चुनाव में दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 20 हजार लीटर तक मुफ्त पानी, डीटीसी की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा और 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरों को लगाना उनके मुख्य चुनावी मुद्दे रहे। अपने चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल ने कई बार बीजेपी पर निशाना साधते हुए पूछा था कि उनका मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है।
हालांकि, उन्होंने सावधानी बरतते हुए शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रर्दशनों पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। बीजेपी के नेताओं ने उन्हें 'आतंकवादी' कह कर पुकारा लेकिन केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि मतदाता यदि ऐसा समझते है तो वे बीजेपी का समर्थन करें और यदि वे उन्हें दिल्ली का बेटा समझते है तो उनकी पार्टी को वोट दें।
केजरीवाल वर्ष 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और उस चुनाव में आप ने सिर्फ 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। हालांकि, उनकी यह सरकार केवल 49 दिनों तक ही चल पाई थी।
नौ साल पहले 2011 में केजरीवाल अन्ना हजारे के नेतृत्व में चले 'लोकपाल आंदोलन' के दौरान राजनीतिक फलक पर आये थे। इसके बाद जल्द ही उन्होंने आम आदमी पार्टी नाम से एक राजनीतिक पार्टी बना ली। आम आदमी पार्टी के गठन के बाद दिल्ली की राजनीति में एक नया विकल्प सामने आया।
हालांकि, केजरीवाल की महत्वाकांक्षा आप को एक राष्ट्रीय पार्टी बनाने की थी लेकिन इसमें उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। केजरीवाल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए उनके खिलाफ वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन वह हार गए। उन्होंने 2017 में पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में भी अपनी पार्टी की पैठ बनाने की कोशिश की। पंजाब में कुछ हद तक उन्हें कामयाबी मिली, लेकिन गोवा में उन्हें सफलता नहीं मिली।