दिल्ली में यमुना नदीः बढ़ते जलस्तर के बाद लोहा पुल पर वाहनों की आवाजाही रोकी गई
By भाषा | Published: August 19, 2019 04:52 PM2019-08-19T16:52:24+5:302019-08-19T16:52:24+5:30
केजरीवाल ने कहा कि सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने रविवार को यमुना नदी में 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह पानी सोमवार शाम तक दिल्ली पहुंच सकता है और यमुना के 207.32 मीटर के खतरे के निशान को पार कर सकता है।’’
दिल्ली में सोमवार शाम को यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया, जिसके कारण अधिकारियों ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से हटने की सलाह दी है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि नदी में जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से थोड़ा ऊपर यानी 205.36 मीटर तक पहुंच गया है।
अधिकारी ने बताया कि जलस्तर और बढ़ने की आशंका है कि क्योंकि हरियाणा ने सोमवार शाम छह बजे 1.43 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नदी से सटे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को निकालने के लिये कई टीम गठित की गयी है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी के सोमवार शाम तक खतरे का निशान पार करने का अंदेशा जताते हुए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से अनुरोध किया कि वे प्रशासन की ओर से बनाए गए अस्थायी शरण स्थलों में चले जाएं।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने रविवार को यमुना नदी में 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह पानी सोमवार शाम तक दिल्ली पहुंच सकता है और यमुना के 207.32 मीटर के खतरे के निशान को पार कर सकता है।’’
Delhi: Due to rising water-level of Yamuna river, vehicle movement on 'Loha Pul' (old iron bridge) over the river has been stopped. The water level has reached 205 meters (the warning level is at 204.50 meters). pic.twitter.com/dYjABfWdn3
— ANI (@ANI) August 19, 2019
अबतक 2,120 अस्थाई शरण स्थल बनाए गए हैं, जहां खाना, पानी और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, निचले इलाकों में रहने वाले 23,800 से ज्यादा लोगों को वहां से निकालने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अनुरोध किया कि वे क्षेत्र छोड़ दें, जहां बाढ़ आने का अंदेशा है।