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NSA अजीत डोभाल के बेटे की मानहानि याचिका पर कोर्ट ने आदेश रखा सुरक्षित, 2 मार्च को सुनाएगा फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 22, 2019 12:55 IST

NAS अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने सोमवार को कथित रूप से मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर एक समाचार पत्रिका के खिलाफ फौजदारी मानहानि शिकायत दायर की।

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ठळक मुद्दे विवेक डोभाल ने कथित रूप से मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर समाचार पत्रिका 'द कारवां' के खिलाफ फौजदारी मानहानि शिकायत दायर की थी। कोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां के पत्रकार को तलब करना है या नहीं, इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की एक समाचार पत्रिका के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली की एक कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने कहा कि वह विवेक डोभाल की ओर से ‘द कैरवैन’पत्रिका के खिलाफ दाखिल मानहानि की याचिका पर दो मार्च को फैसला सुनाएगी।

दरअसल, विवेक डोभाल ने कथित रूप से मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर समाचार पत्रिका 'द कारवां' के खिलाफ फौजदारी मानहानि शिकायत दायर की थी। कोर्ट ने शुक्रवार को दाखिल मानहानि की याचिका पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां के पत्रकार को तलब करना है या नहीं, इस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

जानिए क्या है मामला 

बता दें कि NAS अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने सोमवार को कथित रूप से मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर एक समाचार पत्रिका के खिलाफ फौजदारी मानहानि शिकायत दायर की। विवेक ने इस मामले में पत्रिका और लेख के लेखक कौशल श्रॉफ के अलावा कांग्रेसी नेता जयराम रमेश के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई। रमेश ने 17 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके लेख में दिये गये ‘‘बेबुनियाद और मनगढंत तथ्यों’’ को दोहराया था।

लेख में दावा किया गया कि विवेक एक विदेशी फंड फर्म चला रहे हैं जिसके प्रमोटरों की संदिग्ध पृष्ठभूमि रही है। उन्होंने दावा किया कि पत्रिका ‘‘उनके पिता से बदला लेने के लिए’’ उन्हें ‘‘जानबूझकर अपमानित कर रही है और उनकी छवि खराब कर रही है।’’ 

‘कारवां’ पत्रिका ने 16 जनवरी को अपनी ऑनलाइन पत्रिका में ‘‘द डी कंपनीज’’ शीर्षक से खबर दी थी जिसमें कहा गया कि विवेक ‘‘केमन :द्वीप समूह:,जो ‘‘स्थापित रूप से कर चोरी का पनाहगाह’’ है , पर एक विदेशी फंड फर्म चलाते हैं’’ और इसका ‘‘पंजीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा 2016 में 500 और 1000 रुपये के सभी नोटों को प्रचलन से बाहर करने के केवल 13 दिन बाद किया गया।’’ 

टॅग्स :अजीत डोभाल
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