Delhi Chunav 2025: हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार की इजाजत?, पुलिस हिरासत में रह कर 29 जनवरी से 03 फरवरी तक करेंगे प्रचार
By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 28, 2025 15:56 IST2025-01-28T15:20:14+5:302025-01-28T15:56:18+5:30
Delhi Chunav 2025: ताहिर हुसैन को हिरासत में पैरोल की शर्त के तहत सुरक्षा खर्च के रूप में प्रतिदिन 2.47 लाख रुपये जमा कराने होंगे।

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Delhi Chunav 2025: उच्चतम न्यायालय ने पूर्व पार्षद और हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए हिरासत में पैरोल की अनुमति दी है। ताहिर हुसैन पुलिस हिरासत में रह कर 29 जनवरी से तीन फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करेंगे। ताहिर हुसैन को हिरासत में पैरोल की शर्त के तहत सुरक्षा खर्च के रूप में प्रतिदिन 2.47 लाख रुपये जमा कराने होंगे। ताहिर हुसैन जेल नियमावली के अनुसार प्रतिदिन 12 घंटे बाहर रह सकेंगे।
Supreme Court grants custody parole to AIMIM candidate and Delhi riots accused Tahir Hussain to campaign ahead of Delhi Assembly polls from January 29 to February 3. SC says Hussain shall bear all the expenses for his custody parole including for Delhi police officials to be… pic.twitter.com/XWGdc1ILlR
— ANI (@ANI) January 28, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने एआईएमआईएम उम्मीदवार और दिल्ली हिंसा के आरोपी हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार करने के लिए हिरासत पैरोल दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हुसैन अपने हिरासत पैरोल के लिए सभी खर्च वहन करेंगे।
जिसमें उनके साथ तैनात किए जाने वाले दिल्ली पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं और जेल वैन और एस्कॉर्ट खर्च शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि 12 घंटे का खर्च यानी करीब 2.47 लाख जमा करने पर हुसैन को जेल मैनुअल के मुताबिक जेल से रिहा कर दिया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को राहत देते हुए हिरासत में पैरोल पर चुनाव प्रचार करने की अनुमति दे दी है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की तीन सदस्यीय पीठ ने 29 जनवरी से तीन फरवरी तक पुलिस हिरासत में चुनाव प्रचार करने की हुसैन की याचिका मंगलवार को स्वीकार कर ली।
शीर्ष अदालत ने कई शर्तें लगाते हुए कहा कि हुसैन को दिन के समय केवल सुरक्षा के साथ जेल से बाहर जाने और प्रत्येक रात वापस लौटने की अनुमति होगी। उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा कि ताहिर हुसैन को हिरासत में पैरोल की शर्त के तहत सुरक्षा खर्च के रूप में प्रतिदिन 2.47 लाख रुपये जमा कराने होंगे।
ताहिर हुसैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं, इसलिए उन्हें पुलिस हिरासत में मतदाताओं से संपर्क करने की अनुमति दी जाए। अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा, ‘‘जिस जगह पर मेरा घर बताया जा रहा है, वहां दिल्ली में दंगे हुए थे।
मैं मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहा हूं, और यहां तक कि रहने के उद्देश्य से भी, मैं कह रहा हूं कि मैं घर नहीं जाऊंगा और एक होटल में रहूंगा तथा उसका विवरण प्रदान करूंगा। ’’ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने ताहिर के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि उनकी भूमिका गंभीर है। उन्होंने कहा कि अगर राहत दी जाती है तो हर कोई जेल से नामांकन दाखिल करेगा।
अदालत ने राजू से कहा कि वह इस बारे में निर्देश मांगें कि किस तरह के खर्च और किस तरह की सुरक्षा की जरूरत होगी। पीठ ने अग्रवाल से यह भी कहा कि हुसैन द्वारा प्रस्तावित शपथपत्र के बारे में सूचित करें। यह आदेश हुसैन की उस याचिका पर पारित किया गया जिसमें उन्हें आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए हिरासत में रहते हुए प्रचार करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।
उच्चतम न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ द्वारा 22 जनवरी को विभाजित फैसला दिए जाने के बाद हुसैन को अंतरिम जमानत नहीं मिली थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को हुसैन को ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत पैरोल प्रदान की थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। हुसैन खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत से जुड़े मामले में आरोपी हैं।