दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो IAS अफसरों की हड़ताल करने की हिम्मत नहीं होती: केजरीवाल
By कोमल बड़ोदेकर | Published: June 11, 2018 10:09 PM2018-06-11T22:09:48+5:302018-06-11T22:09:48+5:30
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके साथ कई अन्य मंत्रियों ने सोमवार शाम उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर अपनी तीन मांगों के स्वीकार होने तक एलजी कार्यालय में बैठे रहने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, 11 जून। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके साथ कई अन्य मंत्रियों ने सोमवार शाम उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर अपनी तीन मांगों के स्वीकार होने तक एलजी कार्यालय में बैठे रहने का फैसला किया है। केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने और चार महीनों से कामकाज रोक कर रखने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने सहित तीन मांगें की है।
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आईएएस अधिकारियों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि, आज अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो IAS अफ़सरों की हिम्मत नहीं होती हड़ताल करने की। और घर घर राशन की व्यवस्था कब की लागू हो चुकी होती।
आज अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो IAS अफ़सरों की हिम्मत नहीं होती हड़ताल करने की। और घर घर राशन की व्यवस्था कब की लागू हो चुकी होती।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 11, 2018
इसके अलावा केजरीवाल ने एक अन्य ट्विट में कहा कि, कई अधिकारियों ने हमें बताया कि आईएसएस अधिकारियों को हड़ताल वापस न लेने की धमकी दी गई है। पीएमओ दिल्ली में चुनी हुई सरकार के खिलाफ है और एलजी इस विद्रोह को बढ़ावा दे रहे हैं। दिल्ली की जनता कभी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
Many officers have told us that they have been threatened by Raj Niwas of dire consequences if they withdrew their strike. LG promoting active rebellion against elected govt at PMO’s instance. People of Del will not tolerate this. https://t.co/9O2vEhMZTp
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 11, 2018
केजरीवाल ने आईएएस अधिकारी के हड़ताल को लेकर मांग करते हुए कहा है कि वे जल्द से जल्द काम पर लौटें और उन आईएएस को दंडित किया जाए, जिन्होंने पिछले 4 महीनों से काम नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने राशन के दरवाजे की डिलीवरी को भी मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि दिल्ली के प्रशासनिक कामकाज को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी अनिल बैजल के बीच खींचतान की स्थिति बनी हुई है। और इसी खींचतान के बीच सरकार ने पूर्ण राज्य का दर्जा देने की अपनी पुरानी मांग फिर से दोहराई है।