दिल्ली में बैन के बावजूद दिवाली की रात खूब जले पटाखे, दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंची
By विनीत कुमार | Published: October 25, 2022 07:42 AM2022-10-25T07:42:22+5:302022-10-25T09:28:31+5:30
दिवाली पर दिल्ली में पटाखों पर बैन के बावजूद आतिशबाजी की गई। कई इलाकों में देर रात आतिशबाजी हुई। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में दिवाली की रात कई इलाकों में जबर्दस्त आतिशबाजी के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार कई इलाकों में देर रात भी आतिशबाजी हुई। दिल्ली के आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 377 दर्ज किया गया, जिसे बहुत खराब श्रेणी माना जाता है। नोएडा के सेक्टर-116 में भी एक्यूआई 322 रहा। गुरुग्राम की बात करें तो यहां रात नौ बजे AQI 346 था।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक्यूआई 301, नोएडा में 303, ग्रेटर नोएडा में 270 रहा जबकि हरियाणा के फरीदाबाद में 256 दर्ज किया गया। दरअसल, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 200 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
दिल्ली के इन इलाकों में 'जहरीली' हुई हवा
देर रात दिल्ली के द्वारका में एक्यूआई 334 दर्ज किया गया। इसके अलावा आईटीओ में 323, सिरी फोर्ट- 324, आरके पुरम- 325, पंजाबी बाग- 320 और नॉर्थ कैंपस में 374 एक्यूआई दर्ज हुआ। नेहरू नगर में 342, जहांगीरपुरी में 336, विवेक विहार में 318 और आनंद विहार में 374 एक्यूआई दर्ज हुआ।
गौरतलब है कि बैन के बावजूद दिल्ली वासियों ने दिवाली की रात न सिर्फ आतिशबाजी की, बल्कि तेज आवाज वाले पटाखे फोड़े। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि दिल्ली में दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर छह महीने तक की जेल की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लग सकता है।
रात चढ़ते-चढ़ते तेज हुई आतिशबाजी
रात के परवान चढ़ने के साथ ही पटाखों की आवाज तेज होती गई और इसने अनुमति प्राप्त डेसिबल सीमा का भी उल्लंघन किया। लोगों को पटाखे चलाने से रोकने के लिए नियम बनाए जाने के बावजूद शाम होते ही दक्षिण से लेकर उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिम दिल्ली समेत शहर के विभिन्न इलाकों में लोगों ने आतिशबाजी शुरू कर दी।
विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका जताई थी कि अगर इस साल फिर से ज्यादा पटाखे फोड़े गए तो वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है। वायु गुणवत्ता प्रणाली और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि अगर पिछले बरस की तरह ही इस बार भी पटाखे फोड़े जाते हैं, तो दिवाली की रात को हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच सकती है तथा एक और दिन ‘रेड’ जोन में रह सकती है।
इन सबके बीच राष्ट्रीय राजधानी के 35 निगरानी केंद्रों में से 30 में मंगलवार सुबह सात बजे पीएम 2.5 का स्तर राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से पांच से छह गुना अधिक रहा। पीएम 2.5 महीन कण होते हैं जो 2.5 माइक्रोन या उससे कम व्यास के होते हैं और श्वसननली के माध्यम से शरीर में गहराई तक जा सकते हैं तथा फेफड़ों तक पहुंच कर रक्तप्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।
(भाषा इनपुट)