DefExpo-2020: पीएम मोदी ने कहा- देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के सबसे बड़े हब में यूपी होगा, युवाओं के लिए है बड़ा अवसर 

By रामदीप मिश्रा | Published: February 5, 2020 02:53 PM2020-02-05T14:53:40+5:302020-02-05T14:53:40+5:30

DefExpo-2020: पीएम ने कहा कि दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है। आज का ये डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, व्यापकता, विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का सबूत है।

DefExpo 2020 is not just one of largest exhibition on defense in India, but also in world says pm modi | DefExpo-2020: पीएम मोदी ने कहा- देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के सबसे बड़े हब में यूपी होगा, युवाओं के लिए है बड़ा अवसर 

नरेंद्र मोदी

Highlightsडिफेंस एक्सपो में पीएम ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेजी के विजन पर चलते हुए भारत ने अनेक डिफेंड उत्पादों के निर्माण में तेजी हासिल की। 'डिफेंस एक्सपो-2020' का उद्घाटन समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ मौजूद थे।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार (05 फरवरी) को 'डिफेंस एक्सपो-2020' का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य तो है ही, आने वाले समय में ये देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के भी सबसे बड़े हब में से भी एक होने वाला है। ऐसे में नए दशक के इस पहले डिफेंस एक्स्पो (DefExpo-2020) का यहां होना अपने आप में प्रसन्नता का विषय है।

उन्होंने कहा, 'इस बार 1,000 से ज्यादा डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और दुनियाभर से 150 कंपनियां इस एक्स्पो का हिस्सा हैं। इसके अलावा 30 से ज्यादा देशों के डिफेंस मिनिस्टर्स और सैकड़ों बिजनेस लीडर्स भी यहां उपस्थित हैं। आज का ये अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है। 'मेक इन इंडिया' से भारत की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही, डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।'

पीएम ने कहा, 'दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है। आज का ये डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, व्यापकता, विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का सबूत है। तकनीक का गलत इस्तेमाल, आतंकवाद और साइबर थ्रेट, पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। नई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई तकनीक को विकसित कर रही हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है।'

उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेजी के विजन पर चलते हुए भारत ने अनेक डिफेंड उत्पादों के निर्माण में तेजी हासिल की। 2014 तक यहां सिर्फ 217 डिफेंस लाइसेंस दिए गये थे। बीते 5 वर्षों में ये संख्या 460 हो गई है। यानी दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी, दुनिया की दूसरी बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, कब तक सिर्फ और सिर्फ इंपोर्ट के भरोसे रह सकता था। 

उन्होंने कहा कि आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं, जिसमें  रिसर्च एंड डेवेलॉपमेंट की उच्च क्षमता और उन शस्त्रों का उत्पादन। बीते 5-6 वर्षों में हमारी सरकार ने इसे अपनी राष्ट्रनीति का प्रमुख अंग बनाया है। डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत कई वर्षों तक भारत प्रमुख शक्तियों में से एक रहा। लेकिन, आजादी के बाद हमने अपनी इस ताकत का उपयोग उस गंभीरता से नहीं किया, जितना हम कर सकते थे। हमारी नीति और रणनीति इंपोर्ट तक सीमित रह गयी।  

'डिफेंस एक्सपो-2020' का उद्घाटन समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ मौजूद थे। यह आयोजन पांच दिनों तक किया जाएगा।

Web Title: DefExpo 2020 is not just one of largest exhibition on defense in India, but also in world says pm modi

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