सशस्त्र सेनाओं की ताकत बढ़ेगी, हवा में ईंधन भरने वाले विमान, टैंक रोधी माइंस, टॉरपीडो और अन्य हथियारों की खरीद को रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: February 17, 2024 11:49 AM2024-02-17T11:49:04+5:302024-02-17T11:50:30+5:30

मंजूर किए गए प्रस्तावों में नई पीढ़ी की टैंक रोधी माइंस, वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार, भारी वजन वाले टॉरपीडो, मध्यम दूरी के समुद्री टोही और बहुउद्देश्यीय समुद्री विमान, उड़ान रिफ्यूलर विमान आदि शामिल हैं।

Defense Ministry approves purchase of air refueling aircraft, anti-tank mines, torpedoes and other weapons | सशस्त्र सेनाओं की ताकत बढ़ेगी, हवा में ईंधन भरने वाले विमान, टैंक रोधी माइंस, टॉरपीडो और अन्य हथियारों की खरीद को रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

(फाइल फोटो)

Highlightsयुद्ध क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए 84,560 करोड़ रुपये के पूंजीगत खरीद प्रस्तावों को मंजूरीनई पीढ़ी की टैंक रोधी माइंस, वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार, भारी वजन वाले टॉरपीडो खरीदे जाएंगेहवा में ईंधन भरने वाले विमान भी खरीदने को प्राथमिक मंजूरी मिल गई है

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों की समग्र युद्ध क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए 84,560 करोड़ रुपये के पूंजीगत खरीद प्रस्तावों को शुक्रवार, 16 फरवरी को मंजूरी दी। इसमें नौसेना और तटरक्षक बल के लिए 15 समुद्री टोही और बहु-मिशन समुद्री विमानों के साथ-साथ वायुसेना के लिए छह हवा में ईंधन भरने वाले विमान भी शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।

मंजूर किए गए प्रस्तावों में नई पीढ़ी की टैंक रोधी माइंस, वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार, भारी वजन वाले टॉरपीडो, मध्यम दूरी के समुद्री टोही और बहुउद्देश्यीय समुद्री विमान, उड़ान रिफ्यूलर विमान आदि शामिल हैं।  

15 समुद्री टोही विमान पिछले साल भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए सी-295 मीडियम लिफ्ट सामरिक विमान के समुद्री संस्करण होंगे।  15 में से नौ नौसेना के लिए और छह तटरक्षक बल के लिए होंगे। फिलहाल नौसेना निगरानी के लिए  पी-8आई समुद्री निगरानी विमान का इस्तेमाल करती है। अब 15 सी-295 मीडियम लिफ्ट मिमानों के शामिल होने से इसकी ताकत में कई गुना इजाफा होगा।

भारतीय वायुसेना के लिए हवा में ईंधन भरने वाले विमान भी खरीदने को प्राथमिक मंजूरी मिल गई है। भारतीय वायुसेना 2007 से ही ऐसे टैंकर अपने बेड़े में शामिल करने की कोशिश कर रही है। इन विमानों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में कई गुना इजाफा होगा क्योंकि इससे लड़ाकू विमानों को लंबे समय तक हवा में रहने में मदद मिलेगी। वर्तमान में, भारतीय वायुसेना 2003-04 में खरीदे गए छह रूसी आईयुशिन-78 टैंकरों के बेड़े का संचालन करती है, लेकिन किसी भी समय केवल तीन-चार ही सेवा योग्य होते हैं।

इसके अलावा विरोधी पनडुब्बियों का लंबी दूरी तक पता लगाने के लिए  टोड ऐरे सोनार की खरीद के प्रस्ताव, नौसेना की कलवरी क्लास पनडुब्बियों की हमलावर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारी वजन वाले टॉरपीडो को भी डीएसी द्वारा मंजूरी दे दी गई है।

डीएसी ने सशस्त्र बलों और तटरक्षक बल की क्षमताओं को बढ़ावा देने के प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए भारतीय विक्रेताओं से उपकरणों की खरीद पर विशेष जोर दिया। डीएसी ने सेना के लिए नई पीढ़ी की एंटी-टैंक माइंस जिन्हें स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है, को भी एओएन भी प्रदान किया।  सेना की मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए ड्रोन और नीची उड़ान वाली मिसाइलों को ट्रैक करने वाले वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया। 

Web Title: Defense Ministry approves purchase of air refueling aircraft, anti-tank mines, torpedoes and other weapons

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