लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, 19 सितंबर को पाकिस्तान को दिखाएंगे दमखम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 17, 2019 01:51 PM2019-09-17T13:51:44+5:302019-09-17T13:51:44+5:30

अभी हाल में हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना संस्करण के विकास की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम के तहत इस विमान ने विमान वाहक पोत पर उतरने की अपनी काबिलियत प्रदर्शित की थी। तेजस हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एयरनोटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है।

Defense Minister Rajnath Singh will fly fighter jets in Tejas, to show power to Pakistan on September 19 | लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, 19 सितंबर को पाकिस्तान को दिखाएंगे दमखम

वायुसेना तेजस विमानों की एक खेप अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है।

Highlights 83 तेजस विमानों के लिए एचएएल को करीब 45 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे।लैंडिंग के दौरान विमान से विमानवाहक पोत का एक तार जुड़ जाता है जिससे उसकी गति घट जाती है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरेंगे। 19 सितंबर को सिंह की उड़ान बेंगलुरु से होगी।

अभी हाल में हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना संस्करण के विकास की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम के तहत इस विमान ने विमान वाहक पोत पर उतरने की अपनी काबिलियत प्रदर्शित की थी। तेजस हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एयरनोटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। 83 तेजस विमानों के लिए एचएएल को करीब 45 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे।

तेजस, नौसेना की तैनाती के संदर्भ में एक अहम परीक्षण में सफल रहा

हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना संस्करण के विकास की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम के तहत इस विमान ने शुक्रवार को विमान वाहक पोत पर उतरने की अपनी काबिलियत प्रदर्शित की। विमानवाहक पोत पर लड़ाकू विमान को ‘एरेस्टेड लैंडिंग’ के तहत उतारा जाता है।

इस लैंडिंग के दौरान नीचे से लगे तारों की मदद से विमान की रफ्तार कम कर दी जाती है। स्वदेशी तकनीक से विकसित भारत के इस हल्के लड़ाकू विमान के ‘एरेस्टेड लैंडिंग’ से जुड़े सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इस सफल परीक्षण से भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में पहुंच गया है जो विमानवाहक पोत पर उतरने में सक्षम जेट विमान का डिजायन तैयार करने में समर्थ है।

उन्होंने कहा कि गोवा के तट पर परीक्षण केंद्र में हुआ यह परीक्षण विमान के विमानवाहक पोत पर उतरने के बाद कुछ ही दूरी पर उसके रुक जाने की क्षमता दर्शाता है। इस लैंडिंग के दौरान विमान से विमानवाहक पोत का एक तार जुड़ जाता है जिससे उसकी गति घट जाती है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एयरॉनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड के एयरक्रॉफ्ट रिसर्च एंड डिजायन सेंटर और सीएसआईआर के साथ मिलकर तेजस के इस नौसेना संस्करण के विकास में जुटा है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ गोवा में आईएनएस हंस पर इस परीक्षण से विमान के भारतीय नौसेना के विमानवाहक विक्रमादित्य पर उतरने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।’’ इस विमान का नौसैन्य संस्करण अभी विकास के चरण में है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ यह एरेस्टेड लैंडिंग सच्ची स्वदेशी क्षमता का आगमन संकेत है और इस उल्लेखनीय उपलब्धि को अंजाम तक पहुंचाने की हमारी वैज्ञानिक बिरादरी की पेशेवर क्षमता को दर्शाता है।’’

इस बीच डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि इस नौसेना हल्के लड़ाकू विमान के पहले प्रारूप (एनपी-1) ने करीब 40 मिनट तक उड़ान भरने के बाद 90 मीटर की पट्टी पर सफल लैंडिंग की। सूत्रों ने कहा, ‘‘ किसी भी सामान्य लड़ाकू हल्के विमान को उड़ान भरने और उतरने के लिए करीब एक किलोमीटर के रनवे की जरूरत होती है। लेकिन नौसेना संस्करण को उड़ान भरने के लिए 200 मीटर और उतरने के लिए 100 मीटर की पट्टी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार यह टेक्स्ट बुक लैंडिंग (सटीक लैंडिंग) थी।’’

वायुसेना तेजस विमानों की एक खेप अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है। शुरू में हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 40 तेजस विमानों के लिए आर्डर दिया गया था। पिछले साल वायुसेना ने 50,000 करोड़ रूपये में 83 और तेजस विमानों की खरीद के लिए एचएएल को अनुरोध प्रस्ताव दिया था। 

Web Title: Defense Minister Rajnath Singh will fly fighter jets in Tejas, to show power to Pakistan on September 19

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