रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना से कहा, "अप्रत्याशित संघर्ष के लिए तैयार रहें"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 7, 2023 09:50 AM2023-03-07T09:50:54+5:302023-03-07T09:53:13+5:30
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना को समुद्रीय तटों के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर उच्च निगरानी रखने की आवश्यकता है और बदलती वैश्विक परिस्थितियों में हमें भविष्य के अप्रत्याशित संघर्ष के लिए तैयार रहना है।
दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि सशस्त्र बलों को बढ़ते खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए भविष्य की क्षमताओं को विकसित करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने जोर देते हुए यह भी कहा कि भारतीय सेना को समुद्रीय तटों के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर उच्च निगरानी रखने की आवश्यकता है।
स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सवार गोवा तट के वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “भविष्य के संघर्ष अप्रत्याशित होंगे और लगातार बदल रही वैश्विक व्यवस्था ने सभी देशों को नई रणनीति बनाने के लिए मजबूर किया है।”
उन्होंने कहा, “भारतीय फौज को उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ-साथ पूरे समुद्र तट पर लगातार चौकसी बनाए रखनी चाहिए और साथ में हमें भविष्य की सभी चुनौतियों से निपटने के लिए हर समय तैयार रहने की जरूरत है।
नौसेना के मिशन आधारित तैनाती ने हिंद महासागर क्षेत्र में मैत्री देशों के साथ मिलकर "सुरक्षा भागीदार" के रूप में मजबूती से खड़े होने और समुद्री क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए भारत की स्थिति में सुधार किया है।
रक्षा मंत्री ने कहा, "हमें देश की सामाजिक और आर्थिक उन्नति सुनिश्चित करने के लिए सीमाओं को सुरक्षित करना आवश्यक है। आज के "अमृत काल" में देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए "नए जोश और उत्साह" के साथ आगे बढ़ रहा है।
राजनाथ सिंह ने सेना से आर्थिक विकास और सुरक्षा के बीच संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि रक्षा उद्योग भारत के लिए "प्रमुख निर्माता" बन गया है, जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है और देश की उन्नति की रक्षा कर रहा है।