जयललिता के भतीजे-भतीजी 900 करोड़ की सम्पत्ति के द्वितीय श्रेणी के कानूनी वारिस घोषित

By अजीत कुमार सिंह | Published: May 27, 2020 08:58 PM2020-05-27T20:58:22+5:302020-05-27T20:58:22+5:30

मद्रास हाईकोर्ट ने दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के भतीजी दीपा और भतीजे दीपक को कानूनी उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. जे दीपक और दीपा, जे जयललिता की 900 करोड़ की संपत्ति के वारिस होंगे.

Deepak and Deepa, Jayalalithaa’s niece, nephew to inherit assets worth over Rs 900 crore | जयललिता के भतीजे-भतीजी 900 करोड़ की सम्पत्ति के द्वितीय श्रेणी के कानूनी वारिस घोषित

दीपक और दीपा दिवंगत मंख्यमंत्री के दिवंगत भाई जयकुमार की संतान होने की वजह से उनके दूसरी श्रेणी के वारिस हैं. (file photo)

Highlightsमद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के आवास को स्मारक बनाने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है. पीठ ने कहा कि पोएस गार्डन स्थित ‘वेदा नीलयम’ को राज्य के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास भी बनाया जा सकता है.

चेन्नईः मद्रास हाईकोर्ट ने दिवंगत नेता जे जयललिता के भतीजी दीपा और भतीजे दीपक को कानूनी उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. जे दीपक और दीपा, जे जयललिता की 900 करोड़ की संपत्ति के वारिस होंगे.

मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के आवास को स्मारक बनाने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है. न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरण और न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दूस की एक पीठ ने कहा कि पोएस गार्डन स्थित ‘वेदा नीलयम’ को राज्य के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास भी बनाया जा सकता है.

साथ ही परिसर के कुछ हिस्से को जरूरत हो तो स्मारक बनाया जा सकता है. तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के आवास को स्मारक में बदलने के लिए उसे अस्थायी तौर पर कब्जे में लेने का एक अध्यादेश जारी करने के कुछ दिन बाद अदालत ने यह आदेश दिया.

अध्यादेश के खिलाफ जयललिता के भतीजे और भतीजी दीपक और दीपा की याचिका को स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘ दीपक और दीपा दिवंगत मंख्यमंत्री के दिवंगत भाई जयकुमार की संतान होने की वजह से उनके दूसरी श्रेणी के वारिस हैं.’’ 

अदालत ने कहा कि पोएस गार्डन निवास - 'वेद निलयम' - को सरकार पूरी तरह से एक स्मारक में परिवर्तित करने के जगह मुख्यमंत्री के आधिकारिक रेसिडेंस कम-ऑफिस में बदल दिया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि जनता के पैसे को मेमोरियल के नाम पर बर्बाद नहीं किया जा सकता है.

अपने नेता के लिए सच्ची श्रद्धांजली यही होगी कि उसके आदर्शों पर चला जाए और समाज के विकास के लिए काम किया जाए. हालांकि कोर्ट ने कहा कि आवास के एक हिस्से को स्मारक बनाया जा सकता है. फैसले के अनुसार,  लगभग 913, 42,68,179 करोड़ की कुल संपत्ति याचिकाकर्ता (दीपक) और प्रतिवादी (दीपा) के हाथों में आने की संभावना है. 

कोर्ट ने ये भी साफ किया कि दीपा और दीपक दिवंगत जयललिता द्वारा व्यक्तिगत रूप से रखी गई संपत्ति के संबंध में, फर्मों या कम्पनी के नाम और पूर्व अन्नाद्रमुक प्रमुख के क्रेडिट के प्रशासन के हकदार हैं. दीपक और दीपा अपने विवेक के अनुसार कुछ संपत्तियों का आवंटन करेंगे और आदेश की प्रति मिलने की तारीख से आठ सप्ताह के भीतर सामाजिक सेवा करने के उद्देश्य से अपनी दिवंगत बुआ के नाम पर एक पंजीकृत सार्वजनिक ट्रस्ट बनाएंगे.

अदालत ने फिर मामले की सुनवाई आठ सप्ताह के लिए स्थगति कर दी ताकि ट्रस्ट बनाने का काम पूरा किया जा सके. पीठ ने अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता के. पुगलेंथी द्वारा दायर की गई एक अन्य याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री की संपत्तियों के प्रशासक के रूप में खुद को नियुक्त करने की मांग की थी. अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह दीपा और दीपक, दोनों को चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करे. 

तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, फाउंडेशन में मुख्यमंत्री एडप्पडी के पलानीसामी अध्यक्ष के रूप में, उपमुख्यमंत्री ओ.पनीरसेल्वम, इन्फॉर्मेशन और पब्लिसिटी मिनिस्टर, अन्य सरकारी अधिकारी सदस्य के रुप में और सूचना और जनसंपर्क निदेशक, सदस्य सचिव होंगे. दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता को कई दिक्कतों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में 05 दिसंबर 2016 को उनका निधन हो गया था. 

इनपुट भाषा

Web Title: Deepak and Deepa, Jayalalithaa’s niece, nephew to inherit assets worth over Rs 900 crore

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