संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर को परिभाषित करने वाला केशवानंद भारती केस का फैसला 10 भाषाओं में, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 7, 2023 15:00 IST2023-12-07T14:51:15+5:302023-12-07T15:00:04+5:30

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को घोषणा की कि भारत की न्यायपालिका का सबसे चर्चित और महत्वपूर्ण केशवानंद भारती केस का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 10 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।

decision of Kesavanand Bharti case, which defines the basic structure of the Constitution, will be in 10 languages, Chief Justice DY Chandrachud said | संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर को परिभाषित करने वाला केशवानंद भारती केस का फैसला 10 भाषाओं में, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया

फाइल फोटो

Highlightsकेशवानंद भारती केस का फैसला सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 10 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हैसीजेआई चंद्रचूड़ ने दी जानकारी, केशवानंद भारती केस संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर को परिभाषित करता हैसुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 अप्रैल 1973 को दिये उस ऐतिहासिक फैसले की 50 वीं वर्षगांठ आ रही है

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को घोषणा की कि भारत की न्यायपालिका का सबसे चर्चित और महत्वपूर्ण केशवानंद भारती केस का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 10 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 अप्रैल 1973 को दिये गये ऐतिहासिक फैसले की 50 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए केशवानंद भारती केस के लिए एक विशेष वेबपेज बनाया गया है। यह केस संविधान की बुनियादी संरचना सिद्धांत को बरकरार रखने और संविधान में संशोधन करने के लिए संसद की शक्ति पर लगाई गई सीमाओं के लिए जाना जाता है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने नागरिकता अधिनियम की धारा 6A की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामले पर संवैधानिक पीठ की सुनवाई से पहले यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि समाज के व्यापक वर्ग तक पहुंचने के लिए केशवानंद भारती केस के फैसले का भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना जरूरी है।

केशवानंद भारती केस का वीडियो अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु, तमिल, उड़िया, मलयालम, गुजराती, कन्नड़, बंगाली, असमिया और मराठी भाषाओं में उपलब्ध है।

इसके साथ सीजेआई ने बताया कि भाषा की बाधा लोगों को अदालत के कामकाज को समझने से रोकती है। उन्होंने भारतीय भाषाओं में फैसलों का अनुवाद करने में शीर्ष अदालत के प्रयासों का भी जिक्र किया।

सीजेआई ने लगभग 20,000 ऐसे निर्णयों का उल्लेख किया, जिनका भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है और सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। सीजेआई ने कहा कि वे जिला अदालतें जहां मुख्य रूप से हिंदी में काम किया जाता है, वे हिंदी में फैसले दे सकती हैं और स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देने वाली अन्य अदालतों के लिए भी ऐसा ही कर सकती हैं।

मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि जो छात्र सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अगर कोई फैसला हिंदी में पढ़ना चाहे तो वह अब ऐसा कर सकता है।

Web Title: decision of Kesavanand Bharti case, which defines the basic structure of the Constitution, will be in 10 languages, Chief Justice DY Chandrachud said

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