तीन सगी बहनों की हत्या के मामले में दो लोगों को मृत्युदंड
By भाषा | Published: November 23, 2021 06:12 PM2021-11-23T18:12:01+5:302021-11-23T18:12:01+5:30
शाहजहांपुर (उप्र), 23 नवंबर जिले में तीन सगी बहनों की हत्या के मामले में यहां की एक अदालत ने दो लोगों को मौत की सजा सुनाई है, जबकि विवेचक तथा झूठी गवाही देने वाले एक गवाह की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने 'पीटीआई भाषा' को मंगलवार को बताया कि निगोही थाना अंतर्गत जेबा मुकुंदपुर गांव में तीन सगी बहनों की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ कुमार यादव की अदालत ने दो दोषियों को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई जिसका आदेश मंगलवार को जारी हुआ।
उन्होंने कहा कि जेबा गांव निवासी अवधेश कुमार की गांव के ही निवासी छूटकन्नू से मुकदमेबाजी और रंजिश चल रही थी जिसके चलते 15 अक्टूबर 2010 को शाम के समय छूटकन्नू, उसका बेटा नरवीर तथा भाई राजेंद्र असलहा लेकर अवधेश के घर में घुस गए।
अधिवक्ता ने बताया कि इसके बाद अवधेश घर से भाग गया परंतु इन लोगों ने एक चारपाई पर लेटीं अवधेश की बेटियों-रोहिणी (नौ) , नीता (आठ) तथा सुरभि (सात) की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी।
वर्मा ने कहा कि मामले में अवधेश ने छूटकन्नू, नरवीर तथा राजेंद्र के विरुद्ध हत्या का मामला निगोही थाने में दर्ज कराया था, परंतु विवेचना अधिकारी ने तीनों के नाम विवेचना से निकाल दिए और वादी को ही आरोपी बनाकर आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। मामले में विवेचक का तर्क था कि गरीबी के चलते पिता ने अपनी बेटियों की हत्या कर दी।
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने विवेचना से निकाले गए आरोपियों को तलब किया और मुकदमे के दौरान गवाही तथा साक्ष्यों के चलते छुटकुन्नू, नरवीर तथा राजेंद्र को हत्या का दोषी मानते हुए नरवीर तथा राजेंद्र को फांसी की सजा सुनाई, जबकि छुटकुन्नू की मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी।
मामले में विवेचना अधिकारी होशियार सिंह तथा एक गवाह दिनेश कुमार के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
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