संसद में गूंजा मुजफ्फरपुर के बच्चों की मौत का मामला, रूड़ी ने कहा- सामने आए लीची की सच्चाई!
By आदित्य द्विवेदी | Published: June 21, 2019 01:44 PM2019-06-21T13:44:30+5:302019-06-21T13:44:30+5:30
लोकसभा के शून्यकाल में कई सांसदों ने मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मौत की बात उठाई है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत का मामला शुक्रवार को लोकसभा में गूंजा। शून्यकाल में कई सांसदों ने इस संवेदनशील मुद्दों पर अपनी बात रखी और सरकार से कार्रवाई की अपील की।
बिहार के सारण से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा, 'हजारों सालों से लीची का फसल होता है। हम तो कभी बीमार नहीं हुए। लीची को बदनाम करना गलत है। इसका हजारों करोड़ का निर्यात है। अचानक हजारों करोड़ का लीची बंदरगाहों पर बंद है। कहीं यह साजिश तो नहीं है।' उन्होंने कहा कि ये सच्चाई लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है कि बच्चे आखिर क्यों मरे?
डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि मुजफ्फरपुर में 150 बच्चों की मौत हो गई। जो सर्वाइव करते हैं वो भी इससे उभर नहीं पाते। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से अपील की इस मामले पर संवेदनशीलता से कार्रवाई की अपील की।
Parliament Live: लोकसभा में वोटिंग के बाद तीन तलाक बिल पेश, थरूर ने किया बिल के ड्राफ्ट का विरोध
लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बिहार में चमकी बुखार से लोगों की मौत हो रही है और बिहार के उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि किसी और मुद्दे पर सवाल कीजिए। यह असंवेदनशीलता है। बिहार और केंद्र सरकार क्या कर रही है?
राज्यसभा में भी उठा मुद्दा
बिहार में दिमागी बुखार से करीब 130 बच्चों की मौत का मुद्दा शुक्रवार को राज्यसभा में उठा और सदस्यों ने केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप करने और पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। उच्च सदन में शून्यकाल में सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि सदन उन बच्चों को श्रद्धांजलि देता है। इसके बाद सदस्यों ने अपने स्थानों पर कुछ क्षणों का मौन रखकर दिवंगत बच्चों को श्रद्धांजलि दी। नायडू ने कहा कि बिहार में बच्चों की मौत के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया और यह विषय शून्यकाल में उठाने की अनुमति दी।