CAA हिंसाः फटकार के बाद भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत, कोर्ट ने कहा-सम्मान करो, 16 फरवरी तक दिल्ली से बाहर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 15, 2020 05:33 PM2020-01-15T17:33:35+5:302020-01-15T17:50:44+5:30
भीम आर्मी के सदस्यों ने गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ यहां शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लिया और संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग की थी।
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दे दी। उन पर 20 दिसंबर को जामा मस्जिद में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने का आरोप है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने आजाद को कुछ शर्तों के साथ राहत दी। आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे। आजाद के संगठन ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 20 दिसंबर को पुलिस की इजाजत के बिना ही जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक विरोध मार्च का आह्वान किया था। इस मामले में गिरफ्तार किये गए 15 अन्य लोगों को नौ जनवरी को अदालत ने जमानत दे दी थी।
दिल्ली की अदालत ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को दरियागंज में सीएए विरोधी प्रदर्शन से जुड़े मामले में जमानत दी। नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान जामा मस्जिद के पास से आजाद को गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली के दरियागंज में हिंसा का मामले में कोर्ट ने उन्हें 16 फरवरी तक दिल्ली में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करने का आदेश दिया है। भीम आर्मी के सदस्यों ने गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ यहां शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लिया और संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग की थी।
Daryaganj violence case: A Delhi Court grants bail to Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad. Court has ordered him to not hold any protest in Delhi till February 16th. (file pic) pic.twitter.com/SGFAToEHUM
— ANI (@ANI) January 15, 2020
दलित संगठन के सदस्यों ने आजाद और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के पोस्टर के साथ ‘बहुजन-मुस्लिम एकता जिंदाबाद’ और ‘जय भीम’ के नारे लगाए। आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में 21 दिसंबर को हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया था।
भीम आर्मी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हिमांशु वाल्मीकि ने शाहीन बाग में संगठन के समर्थकों की अगुवाई की। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के निकट स्थित शाहीन बाग में 15 दिसंबर से एक वर्ग के लोग संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।