तालाब के किनारे फूल तोड़ने में मस्त थी आठ साल की मासूम, तभी अचानक आया मगरमच्छ, जानिए फिर क्या हुआ
By रामदीप मिश्रा | Published: September 26, 2020 12:01 PM2020-09-26T12:01:42+5:302020-09-26T12:02:10+5:30
बच्ची के शव को खोजने में कई घंटे लगे। वन विभाग व ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को बरामद किया। शव मिलने पर देखा गया है कि बच्ची के हाथों में मगरमच्छ के गहरे घाव हैं।
देहरादूनः एक आठ साल की बच्ची अपनी दादी के साथ घास काटने के लिए खेत में गई हुई थी। खेत के आस-पास एक तालाब था, जहां वह बच्ची फूल तोड़ने लगी। किसी को अंदाजा नहीं था कि इस तालाब में मंगरमच्छ भी हो सकता है। जैसे ही बच्ची तालाब के किनारे पहुंची और फूल तोड़ने शुरू किए वैसे ही मगरमच्छ ने उसे अपने जबड़े में दबोच लिया। बच्ची के चीखने पर दादी और अगल-बगल काम कर रहे लोग दौड़कर पहुंचे तब तक मगरमच्छ पानी के भीतर उसें खींच चुका था।
यह मामला हरिद्वार जिले के लक्सर के रायसी इलाके में बाणगंगा में बने तलाब का है। मामले की सूचना पुलिस की दी गई। सूचना पाकर पुलिस ने वनविभाग से संपर्क किया, जिसके बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।
मिली जानकारी के अनुसार, बच्ची के शव को खोजने में कई घंटे लगे। वन विभाग व ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को बरामद किया। शव मिलने पर देखा गया है कि बच्ची के हाथों में मगरमच्छ के गहरे घाव हैं। वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इलाके में इस घटना से दहशत फैल गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में अभी तक कोई ऐसी घटना सामने आई है। उन्होंने वन विभाग पर आरोप लगाया कि मगरमच्छों के भय को लेकर कई बार विभाग को बोला गया है, लेकिन उसने कई सुनवाई नहीं की है। अगर सुनवाई की होती तो आज एक बच्ची की जान नहीं जाती।
हालांकि ऐसे आरोपों से वन क्षेत्राधिकारी ने इनकार किया और कहा कि बरसात के दिनों में गंगा और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ने पर मगरमच्छ पानी में बहकर आबादी क्षेत्र तक तालाबों तक आ जाते हैं। लेकिन, पानी कम होने पर वह वापस नहीं जाते हैं और तालाबों में ही रह जाते हैं।