"सीपीएम नहीं शामिल होगी राम मंदिर के उद्घाटन में", बृंदा करात ने आयोजन को धार्मिक कम राजनीतिक ज्यादा बताया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 26, 2023 02:23 PM2023-12-26T14:23:36+5:302023-12-26T14:52:33+5:30

सीपीएम नेता बृंदा करात ने मंगलवार को कहा कि सीपीएम 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं शामिल होगी।

"CPM will not participate in the inauguration of Ram temple", Brinda Karat described the event as more political than religious | "सीपीएम नहीं शामिल होगी राम मंदिर के उद्घाटन में", बृंदा करात ने आयोजन को धार्मिक कम राजनीतिक ज्यादा बताया

फाइल फोटो

Highlightsसीपीएम नेता बृंदा करात ने कहा कि पार्टी राम मंदिर उद्घाटन समारोह में नहीं शमिल होगीउन्होंने कहा कि सीपीएम उनकी पार्टी धर्म को राजनीति के साथ जोड़ने के पक्ष में नहीं है बृंदा करात ने कहा कि हम किसी धार्मिक आयोजन का 'राजनीतिकरण' के पक्ष में नहीं हैं

नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने मंगलवार को कहा कि सीपीएम 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं शामिल होगी।

बृंदा करात ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में संपन्न होने वाले मंदिर के भव्य अभिषेक समारोह में पार्टी के न शामिल होने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उनकी पार्टी धर्म को राजनीति के साथ जोड़ने के पक्ष में नहीं है और न ही वह किसी धार्मिक आयोजन के 'राजनीतिकरण' के पक्ष में हैं।

इस पूरे मामले में दिलचस्प बात यह है कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी को 22 जनवरी के अभिषेक समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

वहीं बृंदा करात ने बीते सोमवार को कहा, "हमारी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल नहीं होगी। हम लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन भाजपा धर्म को राजनीति के साथ जोड़ रही है। यह एक धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करने का प्रयास है। यह है सही नहीं है।''

उन्होंने कहा, "धर्म को राजनीतिक हथियार के रूप में या राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करना सही नहीं है। ये लोग जो कर रहे हैं, वह सही नहीं है। यह पूरी तरह से राजनीतिक है।''

सीपीएम नेता करात ने कहा, "राजनीति और धर्म को अलग किया जाना चाहिए और एक दूरी पर रखा जाना चाहिए। इन्हें मिलाने से केवल आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाया जाता है। जब धर्म का इस्तेमाल एक राजनीतिक हथियार या किसी विचार या एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जाता है, तो यह सम्मान खो देता है।"

यह पूछे जाने पर कि क्या सीपीएम इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर रही है, उन्होंने कहा, "बहिष्कार का कोई सवाल नहीं है। हमारी समझ है कि किसी धार्मिक समारोह को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना सही नहीं है।"

मालूम हो कि मंदिर उद्घाटन में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई शीर्ष विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। ट्रस्ट ने इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी आमंत्रित किया है।

हालांकि कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी तक वरिष्ठ नेताओं के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पर कुछ भी नहीं कहा गया है। 
22 जनवरी को होने वाले समारोह में भव्य मंदिर में राम लला की मूर्ति की स्थापना होगी। इसमें पीएम मोदी समेत सैकड़ों अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है।

इसके अलावा मंदिर ट्रस्ट ने इस खास समारोह के लिए सभी संप्रदायों के 4,000 संतों को भी आमंत्रित किया है। ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर से 12.45 बजे के बीच गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति को विराजमान करने का फैसला किया है। वैदिक पुजारी लक्ष्मी कांत दीक्षित उस दिन अभिषेक समारोह के मुख्य अनुष्ठान करने वाले हैं।

Web Title: "CPM will not participate in the inauguration of Ram temple", Brinda Karat described the event as more political than religious

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