बेंगलुरु: कोरोना से मौत के 16 महीने बाद मोर्चरी में मिले दो सड़े-गले शव, घरवालों को बताया गया था हो गया है अंतिम संस्कार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 30, 2021 09:04 AM2021-11-30T09:04:51+5:302021-11-30T09:04:51+5:30
कोरोना से अपनी जान गंवाने वाली 42 वर्षीय दुर्गा केपी अग्रहारा की रहने वाली थी, जिसकी मौत साल 2020 में 5 जुलाई को हुई थी। वहीं मुनिराजू की मौत 2 जुलाई को हुई थी जो चामराजपेट के रहने वाले थे और तीन बेटियों के पिता थे।
बेंगलुरु: कोरोना वायरस की वजह से मरने वाले दो लोगों के शव 16 महीने बाद मोर्चरी से बरामद किए गए हैं। दोनों शव को बेंगलुरु के राजाजीनगर शहर के एक अस्पताल के मोर्चरी से बरामद किया गया है। मरने वाले में से एक की पहचान दुर्गा सुमित्रा और दूसरे की पहचान मुनिराजू के रूप में हुई है। मृतकों की पहचान उनके शव पर लगे टैग से हुई। उधर, मृतकों के घरवालों को ये उम्मीद थी कि उनके शवों का अंतिम संस्कार नियमानुसार किया गया होगा, लेकिन इस खबर ने उनकी उम्मीदों तोड़कर कर दिया है।
कोरोना से अपनी जान गंवाने वाली 42 वर्षीय दुर्गा केपी अग्रहारा की रहने वाली थी, जिसकी मौत साल 2020 में 5 जुलाई को हुई थी। वहीं मुनिराजू की मौत 2 जुलाई को हुई थी जो चामराजपेट के रहने वाले थे और तीन बेटियों के पिता थे। अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक, दोनों को जुलाई 2020 में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसी महीने उनकी मौत भी हो गई थी।
दरअसल, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मॉडल पर चलाए जा रहे इस अस्पताल में दुर्गंध की शिकायत थी। जिसके बाद हाउसकीपिंग के कर्मचारी खाली पड़े मुर्दाघर की सफाई करने गए, तब उन्हें ये दो शव बरामद हुए। इतने दिनों बाद दोनों ही शव सड़-गल गए थे।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मामले में जाँच का आदेश दे दिया गया है। इसमें शामिल सभी लोगों की स्पष्ट लापरवाही दिख रही है। खासकर वो लोग जिन लोगों ने मोर्चरी को बंद करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच नहीं की, वो इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और बाद में इसे परिजनों को सौंप दिया जाएगा।