नई दिल्ली: भारत सहित दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत में कोविड-19 के 2 लाख 93 हजार से ज्यादा मामले हैं जबकि अब तक 7400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इसी बीच भारत अब कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों की सूची में ब्रिटेन को पीछे छोड़ चौथे स्थान पर पहुंच गया है। अब इस सूचि में कोरोना के 2 लाख 93 हजार 754 मामलों के साथ भारत चौथे नंबर पर हैं, वहीं, ब्रिटेन में संक्रमितों का आंकड़ा 2 लाख 91 हजार 558 है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना केस के मामले में भारत से ऊपर अमेरिका, ब्राजील और रूस ही बचे हैं। अमेरिका में अभी 20,70,961 केस, ब्राजील में 7,75,581 केस जबकि रूस में 5,02,436 केस हैं। इस बीच राहत भरी खबर है कि देश में ठीक हो रहे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है।। भारत में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों का दर 49.21 प्रतिशत हो गया है।
आबादी के लिहाज से तुलना ठीक नहीं
हालांकि, अगर आबादी के लिहाजे से इस सूची में भारत की दुनिया के अन्य देशों से तुलना करना बिल्कुल भी तार्किक नहीं है। भारत की आबादी के लिहाज से ज्यादातर देश बहुत छोटे हैं। भारत गुरुवार को जिस स्पेन और यूके से आगे निकला। लेकिन वहां आबादी 4.70 करोड़ और 6.80 करोड़ के करीब है। वहीं, रूस की आबादी लगभग 14.60 करोड़ है। लव अग्रवाल ने कहा, "हमें तुलना उसी देश से करनी चाहिए, जिसकी जनसंख्या हमारे देश के लगभग समान है। जिन देशों की जनसंख्या हमारे देश के अनुपात में काफी कम है उनके साथ हम तुलना नहीं कर सकते।"
भारत में ज्यादा रिकवरी रेट और कम मृत्यु दर
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को बताया, "आज देश का रिकवरी रेट 49.21% है, अब देश में रिकवर हो चुके लोगों की संख्या सक्रिय मामलों की संख्या से ज्यादा है। 11 जून तक हमारे देश में 1 लाख 41 हजार 28 लोग रिकवर हो चुके हैं।" आईसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ) बलराम भार्गव ने कहा, "भारत इतना बड़ा देश है और इस हिसाब से कोरोना वायरस का प्रसार बहुत कम है। भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है।"
ICMR ने मोदी सरकार से कहा- कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन जारी रखें
आईसीएमआर ने देश में कोरोना संक्रमण का फैलाव और लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता का आंकलन करने के लिए देश के 83 जिलो में 26400 लोगों पर सिरोलॉजिकल सर्वे कर उनका एंटी बॉडी टेस्ट किया है। जिसके आधार पर आईसीएमआर ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन जारी रखा जाए।
इस सर्वे के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी (एनआईवी) की बनाई कोविड कवच एलिसा किट्स का इस्तेमाल किया गया। जिससे शरीर में वायरस से लडने के लिए ऐंटीबॉडीज का पता चलता है। आईसीएमआर के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा कि सर्वे से यह साबित होता है कि अभी कई महीने तक हमें कोरोना से लड़ना होगा। कोरोना बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दस साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हाई रिस्क है।