कोविड-19 महामारीः यदि बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं, लक्षण नहीं हैं तो यह ज्यादा घबराने वाली बात नहीं, विशेषज्ञ बोले...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 16, 2021 05:21 PM2021-09-16T17:21:48+5:302021-09-16T17:22:52+5:30

मिजोरम में मंगलवार को कोविड-19 के अब तक सर्वाधिक 1,502 नए मामले सामने आए जिनमें 300 बच्चे भी शामिल हैं।

covid-19 Pandemic children infected do not symptoms not matter much panic experts said | कोविड-19 महामारीः यदि बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं, लक्षण नहीं हैं तो यह ज्यादा घबराने वाली बात नहीं, विशेषज्ञ बोले...

बढ़ती संख्या चिंता की बात नहीं है।

Highlightsमेघालय, मणिपुर और केरल सहित कुछ राज्यों में बच्चों में संक्रमण के काफी मामले सामने आ रहे हैं।बच्चों के अस्पतालों में भर्ती होने या कोविड-19 की वजह से मौत नहीं है। अधिकतर बच्चों में लक्षण नहीं होंगे और उनमें मामूली बीमारी होगी।

नई दिल्लीः मिजोरम और केरल सहित कुछ राज्यों में दस साल से कम उम्र के बच्चों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएं, लेकिन उनमें बीमारी के लक्षण न हों एवं संक्रमण की स्थिति गंभीर न हो तो फिर ज्यादा चिंता की बात नहीं है।

उन्होंने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि अधिक संख्या में बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराने की जरूरत पड़ने सहित किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां की जानी चाहिए और इंतजाम दुरुस्त किए जाने चाहिए। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस साल मार्च से कोविड-19 के कुल उपचाराधीन मामलों में दस साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मिजारेम, मेघालय, मणिपुर और केरल सहित कुछ राज्यों में बच्चों में संक्रमण के काफी मामले सामने आ रहे हैं।

मिजोरम में मंगलवार को कोविड-19 के अब तक सर्वाधिक 1,502 नए मामले सामने आए जिनमें 300 बच्चे भी शामिल हैं। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉक्टर एन के अरोड़ा ने कहा, ‘‘यदि बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं, लेकिन उनमें लक्षण (बीमारी के) नहीं हैं तो यह ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है क्योंकि देश में हुए विभिन्न सीरो सर्वेक्षण के अनुसार बच्चे भी बड़ों जितने ही प्रभावित होते हैं।’’

अरोड़ा ने कहा कि बच्चों में लक्षणयुक्त मामलों का अनुपात बहुत कम है और गंभीर संक्रमण का जोखिम भी बहुत सामान्य नहीं है। वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जैसे ही प्रतिबंध हटाए जाते हैं और परिवार अपने बच्चों के साथ बाहर घूमना शुरू करते हैं, तो कोविड से मुक्त रहे बच्चे संक्रमित होंगे तथा ‘‘यह संख्या में दिखेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसका मतलब बड़ी संख्या में बच्चों के अस्पतालों में भर्ती होने या कोविड-19 की वजह से मौत नहीं है। अधिकतर बच्चों में लक्षण नहीं होंगे और उनमें मामूली बीमारी होगी। इसलिए बढ़ती संख्या चिंता की बात नहीं है। हालांकि, हमें अधिक संख्या में बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराने की जरूरत पड़ने सहित किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।’’ 

Web Title: covid-19 Pandemic children infected do not symptoms not matter much panic experts said

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